यूजी-पीजी में ऑनलाइन नामांकन बना छात्रों के लिए सरदर्द, विश्वविद्यालय में किया प्रदर्शन

सरकार के निर्देश पर छपरा स्थित जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा भी ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म भरने की सुविधा पिछले वर्ष शुरू की गई थी, वैसे इसे सुविधा कहना सम्भवतः ठीक नहीं होगा, चूंकि इसके शुरू होने के कारण विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है....

Update: 2020-09-08 11:46 GMT

विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर पुतला दहन करते और धरना पर बैठे छात्र

जनज्वार ब्यूरो, पटनाबिहार के शिक्षण संस्थानों में व्यवस्थाएं ऑनलाइन या डिजिटल तो जरूर कर दी गईं हैं, पर संसाधनों और तकनीकी जानकारी आदि के अभाव के कारण विद्यार्थियों की परेशानी में ही इजाफा हुआ है। इसे लेकर परेशान छात्र अक्सर आंदोलन-प्रदर्शन भी करते रहते हैं।

सरकार के निर्देश पर छपरा स्थित जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा भी ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म भरने की सुविधा पिछले वर्ष शुरू की गई थी। वैसे इसे सुविधा कहना सम्भवतः ठीक नहीं होगा, चूंकि इसके शुरू होने के कारण विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है।


जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक एवं पीजी कक्षाओं में नामांकन की प्रक्रिया 7 सितंबर से शुरू की गई है।पर ऑनलाइन नामांकन में छात्र-छात्राओं को भारी तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर आज 8 सितम्बर को छात्र संगठन आर एस ए के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया गया।इनका कहना था कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर नामांकन में भारी दिक्कत हो रही है। हो रही दिक्कतों को लेकर इनलोगों ने विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन तथा पुतला दहन किया।

आरएसए के संरक्षक मनीष पाण्डेय ने कहा 'जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट वन नामांकन की प्रक्रिया कल से शुरू हुई है ,लेकिन सर्बर प्रॉब्लम की वजह से छात्र छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन जैसी स्थिति में बच्चों को एक-एक घंटा साइबर कैफे में खड़ा रहना पड़ रहा है। सब कुछ ठीक होने के बाद भी आवेदन के अंतिम चरण में पेमेंट फेल हो जा रहा है । जिस वजह से आवेदन प्रक्रिया की गति ना के बराबर है।'

गत वर्ष भी विद्यार्थियों को इसी दिक्कत से दो-चार होना पड़ा था। इन सब समस्याओं के कारण उस बार बड़ी संख्या में विद्यार्थी नामांकन से वंचित भी हो गए थे।

संगठन के संयोजक प्रमेन्द्र कुमार कहते हैं 'पिछली गलती को विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार भी दोहरा रहा है। UMIS वेबसाइट संचालक की गलती की वजह से पिछली बार लगभग 10000 विद्यार्थी नामांकन से वंचित रह गए। कई दफा आवेदन दिया गया कि उससे वेबसाइट संचालन न कराया जाय। बावजूद उस यूएमआईएस वेबसाइट संचालक से ही विश्वविद्यालय प्रशासन जैसे- तैसे करके काम चला रहा है। जिससे प्रमंडल के छपरा, सीवान और गोपालगंज जिला के छात्रों को आवेदन करने में काफी समस्याएं हो रही हैं।'

कोशिश के बावजूद आवेदन नहीं कर पाए छात्र संजय ने कहा 'पिछले साल जिन छात्र-छात्राओं ने नामांकन के लिए आवेदन किया था। इस बार आवेदन करने पर उनका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पहले से रजिस्टर्ड बता रहा है। इस वजह से छात्रों को अपना ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर बदलना होगा, जो आसान नहीं है। साथ ही हिंदी में नाम लिखने में बहुत समय लग रहा है।'

एक और छात्र महताब ने कहा 'वेबसाइट पर बार-बार पासवर्ड रिसेट करने को बोल रहा है। ईमेल पर लिंक भेजने के बजाय मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाए।'

विशाल सिंह कहते हैं 'पेमेंट होने के बाद फॉर्म रिसिप्ट डाऊनलोड नहीं हो रहा है। पेमेंट काटने के बाद भी पुनः पेमेंट करने का ऑप्शन आ रहा है।'

विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंचा। विश्वविद्यालय प्रशासन के लोगों ने इनके साथ वार्ता की और वेबसाइट में सुधार का आश्वासन दिया। काफी मशक्कत के बाद छात्र माने।

आरएसए के विकास सिंह सेंगर ,परमजीत कुमार, विश्वविद्यालय अध्यक्ष अंशु कुमार, भूषण सिंह ,कुणाल सिंह आदि ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वेबसाइट में सुधार का आश्वासन दिया गया है। अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जा सकता है।

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