जन्मदिन पर याद किये गये त्रेपन सिंह चौहान, 3 साल पहले लंबी बीमारी के बाद हुआ था निधन

Update: 2023-10-04 17:31 GMT

रामनगर। उत्तराखण्ड के रामनगर में सामाजिक राजनीतिक संगठनों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उपन्यासकार एवं आंदोलनकारी साथी त्रेपन सिंह चौहान की जयंती पर उनकी याद में बैठक कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

बैठक में शामिल हुए वक्ताओं ने कहा कि चिपको आंदोलन से लेकर राज्य आंदोलन तक, बांधों के खिलाफ संघर्षों से लेकर असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के यूनियन बनाने तक, वे इस राज्य के ढेर सारे जन संघर्षों से जुड़े थे। उनके उपन्यासों ने दसियों हज़ार लोगों की भावनाएं एवं विचारों को प्रभावित किया। 2020 में चार साल के गंभीर संघर्ष के बाद मोटर न्यूरॉन डिजीज की वजह से उनका देहांत हो गया था।

वक्ताओं ने कहा कि त्रेपन सिंह चौहान की पूरी ज़िन्दगी न्याय, संघर्षों एवं इंसान के गरिमा पर केंद्रित और प्रतिबद्ध थी। लेकिन वर्तमान स्थिति में नफरत, दमन, और झूठों द्वारा त्रेपन भाई और हमारे राज्य के सारे संघर्षशील लोगों के हर सिद्धांत को मिटाने का प्रयास चल रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि आज उत्तराखंड राज्य और देश के हालात दिन प्रतिदिन बद् से बद्तर होते जा रहे है। अस्पताल में डॉक्टर और इलाज नहीं मिल रहा है तथा बेरोजगारों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। आज इस बात की जरूरत है कि हम सभी जनता के जीवन से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएं और एक समतामूलक, न्याय प्रिय, जनवादी, समाजवादी समाज कायम करके के लिए अपने संघर्षों को आगे बढ़ाएं।

बैठक में समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार, किसान नेता ललित उप्रेती, महेश जोशी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के नेता रोहित, महिला एकता मंच की ललिता रावत, सरस्वती जोशी, उषा पटवाल, मनमोहन अग्रवाल, बी डी नैनवाल, लालता प्रसाद, प्रेम आर्य, किशन शर्मा, प्रेम पपनै समेत दर्जनों लोग शामिल थे।

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