आजमगढ़ में हिरासत में युवक की मौत, रिहाई मंच ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

रिहाई मंच ने जियाउद्दीन के पिता अलाउद्दीन से मुलाकात के बाद तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तारी की मांग की। मंच ने मृतक युवक के परिजनों के लिए पचास लाख रुपये मुआवजे की मांग की है...

Update: 2021-03-27 14:41 GMT

हिरासत में मरने वाले युवक के पिता से मुलाकात करता रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल (file photo)

जनज्वार। आजमगढ़ जनपद के एक युवक की शुक्रवार 26 मार्च की देर रात जियाउद्दीन नाम के युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी। पूछताछ के लिए पकड़े गए युवक की हालत बिगड़ने पर स्वाट टीम ने उसे आधी रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां आधे घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर पिटाई कर हत्या का आरोप लगाया था, जबकि पुलिस का कहना है कि युवक की बीमारी के चलते हुई है। अब रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल ने परिवार से मुलाकात की है, और युवक के लिए न्याय की मांग करते हुए तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, तारीक शफीक, एडवोकेट विनोद यादव, कासिम अंसारी और श्याम लाल शामिल रहे।

रिहाई मंच ने जियाउद्दीन के पिता अलाउद्दीन से मुलाकात के बाद तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तारी की मांग की। मंच ने मृतक युवक के परिजनों के लिए पचास लाख रुपये मुआवजे की मांग की है।

मंच ने कहा कि प्रथमदृष्टया इसे पुलिस का आपराधिक षड्यंत्र मानते हुए अम्बेडकर नगर के थाना ज़ैतपुर, जौनपुर के खुटहन और आजमगढ़ के थाना पवई, एसटीएफ व एसओजी को जाँच के दायरे में लाते हुए कार्रवाई करने की माँग की। एनएचआरसी की गाइड लाइन के मुताबिक हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।

मंच ने कहा कि इस मामले में लंबे समय से मृतक जियाउद्दीन एवं अन्य कई व्यक्ति पुलिस के संपर्क में थे और अभी भी कुछ व्यक्तियों के पुलिस हिरासत में होने की सूचना है। ऐसे में पुलिस की गैरकानूनी हिरासत में मौजूद व्यक्तियों की सुरक्षा की गारंटी की जाए। इन तथ्यों के आलोक में देखा जाए तो ज़ैतपुर थाने के किसी मामले को लेकर लगातार पुलिस व्यक्तियों के पूछताछ और धन उगाही की बात भी सामने आई है। ऐसे में ये मामला पुलिस द्वारा जबरन धन उगाही का भी है। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि दोषी पुलिसकर्मियों के मोबाइल का काल रिकॉर्ड खंगाला जाए।

दूसरी तरफ परिवारीजनों ने जियाउद्दीन की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पुलिस की प्रताड़ना व पिटाई से ही उसकी मौत हुई है। मामले की न्यायिक जांच कराकर सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कराया जाए। उधर, एसपी आलोक प्रियदर्शी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वाट टीम बी के प्रभारी देवेंद्र पाल सिंह समेत कुल आठ पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है साथ ही मजिस्ट्रेटी जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

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