Prayagraj News Today: यूपी में वामपंथी नेता समेत 5 मुस्लिम नेताओं पर पुलिस ने रखा 25-25 हजार का ईनाम,कहा इनकाउंटर में जा सकती है जान
Prayagraj News Today: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद 10 जून को अटाला इलाके में हुए बवाल में फरार आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने पांच फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
Prayagraj News Today: जनज्वार। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद 10 जून को अटाला इलाके में हुए बवाल में फरार आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने पांच फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इस बीच प्रयागराज मीडिया सेल के हवाले से जारी एक प्रेस नोट के वायरल होने के बाद एक नया बहस शुरू हो गया है। इसको लेकर प्रयागराज हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा गठित अधिवक्ता मंच गुरूवार को एक बैठक कर रही है। जिसमें पुलिस के प्रेस नोट के मुताबिक पुलिस की मंशा आरोपितों का एनकाउंटर करने की प्रतीत होती है। इसे पुलिस की अवैधानिक कार्रवाई व मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए कोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार किया जाएगा। दोपहर बाद बुलाई गई बैठक में इस पर चर्चा होगी।
मीडिया सेल प्रयागराज के हवाले से 27 जून को जारी प्रेस नोट के मुताबिक फरार पांच अभियुक्त पर 25-25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। प्रेस नोट में लिखा गया है कि यदि न्यायहित में विधिक रूप से गिरफतार करने के दौरान संयोगवश मुठभेड़ की स्थिति बनती है तथा मुठभेड़ के फलतः ईनामिया अपराधी घायल या मृत हो जाता है तो पुलिस रेगुलेशन के तहत निहित प्राविधानों के अनुक्रम में ईनाम की धनराशि दी जाएगी। पत्र में संबंधित नियमों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष केके राय पुलिस के प्रेस नोट पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि इससे एनकाउंटर के प्रति पुलिस का मनोबल बढ़ेगा। यह पुलिस की गतिविधियां अवैधानिक व मानवाधिकार का उल्लंघन है। इसको लेकर हम अधिवक्तागण कोर्ट में रिट दायर करेंगे तथा मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी जाएंगे। जिससे की कानून व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके। अधिवक्ता सीमा आजाद ने कहा कि इन सभी पहलुओं पर पूर्व घोषित सूचना के तहत 29 जून को अधिवक्ता मंच की बैठक बुलाई गई है। जिस पर इन सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई के लिए निर्णय लिया जाएगा।
लोकतांत्रिक अधिकारों, पिछड़ो, दलितों व अल्पसंख्यकों के हितों को लेकर संघर्षरत रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव का कहना है कि सरकार व उसकी पुलिस प्रतिरोध की संस्कृति को खत्म कर देना चाहती हैै। लगातार उत्तर प्रदेश में कानून व मानवाधिकारों का पुलिस प्रशासन द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिन्हें पुलिस ईनामी अपराधी बता रही है,वे सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय लोग हैं। वामपंथी नेता होने के नाते डा. आशीष मित्तल का किसी धार्मिक जुलूस से क्या लेना देना हो सकता है। उमर खालिद नाम के जिस युवक की पुलिस बात कर रही है, वह प्रदर्शन के दिन आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में था। जीशान रहमानी ने इस घटना के पूर्व ही सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के माध्यम से इस तरह के आंदोलनों से अपने का दूर रखने की बात कही थी। अन्य लोगांे को भी इस लिए निशाना बनाया गया है कि ये सीएए-एनआरसी व किसान आंदोलन समेत अन्य लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़े रहे हैं। कुख्यात आपराधियों की तरह सलूक करते हुए पुलिस एनकाउंटर की बात कर रही है। जिसका विरोध किया जाना चाहिए।
वामपंथी ट्रेड यूनियन एक्टू से जुड़े डा. कमल उसरी कहते हैं कि देश भर में चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन में राष्ट्रीय स्तर पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपनी भूमिका निभाने वाले, संपूर्ण जीवन किसानों मजदूरों के हक हकूक के लिए संघर्ष वाले इलाहाबाद के वरिष्ठ वामपंथी नेता डॉ आशीष मित्तल और रोशनबाग में एनआरसी के खिलाफ एतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक तरीके से चले धरने में हजारों इलाहाबादियों की तरह ही अपनी भगीदारी करने वाले सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता उमर खालिद, जीशान रहमानी, शाह आलम, लोकप्रिय सभासद फजल खां को आरोपी बनाते हुए ईनाम घोषित करना बदले की कार्रवाई नही तो क्या है ? जिस तरह इस मामले में पुलिस ने पुरस्कार घोषित करते हुए संयोगवश मुठभेड़ की बात कही है उससे साफ है कि इनका जीवन संकट में है। पुलिस जिन्हें ईनामिया घोषित कर रही है वो सभी प्रसिद्ध और चर्चित राजनीतिक -सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील मौर्य अटाला कांड की चर्चा करते हुए कहते हैं कि इस घटना के बाद पुलिस की तानाशाही लगातार जारी है। लोग दहशत भरे माहौल में जी रहे हैं। हर किसी को इसका डर है कि पांच हजार अज्ञात लोगों की तलाश में पुलिस किसी को भी अभियुक्त बना सकती है। इसी बहाने पुलिस द्वारा लोगों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है। लोगांे में व्याप्त भय व आशंकाओं को दूर करने के लिए नागरिक समाज द्वारा प्रतिरोध मार्च भी निकाला गया। हमारा संगठन पुलिस के गैर कानूनी कार्रवाई विरोध करता रहेगा।
मालूम हो कि बीजेपी से निलंबित की जा चुकीं पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला इलाके में हिंसा हुई थी। इस दौरान अटाला इलाके में जमकर बवाल, आगजनी और पत्थरबाजी हुई। आरोपियों पर हिंसा भड़काने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 80 से ज्यादा नामजद और पांच हजार से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में मास्टरमाइंड कहे जा रहे जावेद पंप के मकान को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने 12 जून को ध्वस्त कर दिया था। प्राधिकरण ने शाह आलम के मकान पर भी नोटिस चिपकाया था। अब एसएसपी अजय कुमार के निर्देश पर पांच फरार आरोपियों पर 25 -25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। इन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है।
इनामी आरोपियों का राजनीतिक संगठनों से है नाता
अटाला हिंसा में फरार चल रहे पांच ईनामी आरोपियों का विभिन्न राजनीतिक संगठनों से नाता है। साथ ही पुलिस का मानना है कि सीएए व एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में भी इन लोगों ने प्रमुखता से भाग लेते हुए अगुवाई भी की थी। ये सभी प्रयागराज जिले के ही रहनेवाले हैं। आरोपी 62 वर्षीय डा. आशीष मित्तल पेशे से चिकित्सक रहे हैं। अब उनकी पत्नी चिकित्सा सेवा से जुड़ी हुई है। डा. आशीष राजनीतिक रूप से सीपीआई एमएल न्यू डेमोक्रेसी के साथ सक्रिय हैं। ये लोहिया मार्ग थाना सिविल लाइन्स के निवासी है। इसके अलावा 27 वर्षीय उमर खालिद मिन्हाजपुर थाना शाहगंज का रहनेवाला है।जिसकी सामाजिक कार्यो में सक्रियता रही है। नगर निगम के करैला क्षेत्र के पार्षद फजल खां पर भी पुलिस ने ईनाम घोषित किया है। ये समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा 52 वर्षीय शाह आलम एमआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष हैं, जो गौस नगर थाना करैली के रहनेवाले हैं। अहमदपुर असरौली थाना पूरामुुफती निवासी 32 वर्षीय जीशन रहमानी का भी एमआईएमआईएम से जुड़ाव है।