अंकिता हत्याकांड में VVIP का नाम एक्सपोज करने की मांग को लेकर धरना दे रहे आंदोलनकारियों को घसीटकर ले गई पुलिस

Dehradun News: अंकिता हत्याकांड मामले में स्पेशल सर्विस के ख्वाहिशमंद वीवीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग पर राजभवन धरना देने पहुंचे आंदोलनकारियों को पुलिस ने घसीटकर उठा लिया...

Update: 2022-12-03 15:41 GMT

Dehradun News: अंकिता हत्याकांड मामले में स्पेशल सर्विस के ख्वाइशमंद वीवीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग पर राजभवन धरना देने पहुंचे आंदोलनकारियों को शनिवार को पुलिस ने घसीटकर उठा लिया। हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर 51 दिन से ऋषिकेश में चल रहे आमरण अनशन के बाद आज प्रदर्शनकारी राजभव पहुंचे थे। जहां युवा न्याय संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों की पुलिस से तीखी झड़प हुई। धरना देने पहुंचे इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने राजभवन के बाहर ही रोक लिया।

बता दे कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के छुपे हुए वीआईपी के नाम का खुलासा करने, अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने और विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विगत 51 दिनों से ऋषिकेश में धरना चल रहा है। इतने लंबे समय तक कोई सुनवाई न होने से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को अपने आंदोलन को धार देने के लिए राजभवन पर धरने का ऐलान किया था।

तायशुदा कार्यक्रम के तहत शनिवार को परवादून कांग्रेस देहरादून के पूर्व अध्यक्ष जयेंद्र रमोला युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश के आंदोलनरत साथियों के साथ राजभवन देहरादून के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। यहां आंदोलनकारियों का सामना पहले से ही मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल से हुआ। पुलिस ने धरना शुरू करने से पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन आंदोलनकारियों के न मानने पर पुलिस उन्हें जबरदस्ती पकड़कर गाड़ियों में ठूंसकर पुलिस थाने ले आई।

इस दौरान जयेंद्र रमोला ने कहा कि वह पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आमरण अनशन कर रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा वीआईपी जो वंतरा रिसोर्ट में ठहरा हुआ था, उसको बचाने की कोशिश की जा रही है। उसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। यही नहीं जांच को भी प्रभावित किया जा रहा है। इन सब के खिलाफ वह पिछले कई दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। आज जब राजभवन में वह अनशन करने पहुंचे तो उनको पुलिस द्वारा बर्बरता से घसीटते हुए गाड़ी तक ले जाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया, जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिलेगा और वीआईपी का नाम उजागर नहीं होगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

दूसरी ओर अंकिता भंडारी हत्याकांड और महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं के विरोध में कांग्रेस ने भी शनिवार को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार की ओर से इस मामले में विधानसभा सत्र के दौरान सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कथित वीवीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग दोहराते हुए कहा कि उत्तराखंड को सुशासन देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार आज कठघरे में है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर लगातार अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही है। सरकार रसूखदारों को बचाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन, कांग्रेस महिलाओं के हक के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।

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