लाश जले या सिर कटे मोदी जी का तो सिर्फ गुजरात बचे

Update: 2017-12-08 18:55 GMT

देश, कानून, जाति, धर्म सबकुछ कुर्बान है गुजरात के लिए, क्योंकि गुजरात गया तो गए मोदी, न रहेगा 2019 न आएगा 2024 का सपना

पढ़िए, मोदी जी की इस चाहत पर क्या कहते हैं कुमार

मोदी जी राहुल गांधी को लेकर मुगल मानसिकता की बात कर रहे और यहां उनके शासन में पूरे भारत में डिजिटल मुडि़कटवा विकास सर उठा रहा। इस पर मन की छोडि़ए,  बेमन की बात करने की भी जरूरत वे नहीं समझते।

कभी वे राहुल के नाना को याद करते हैं, कभी बमभोले को। और उनके भोले का भक्‍त शंभुलाल ललाट पर छाप-तिलक लगाए कटार लहराता एक मरियल से दिख  रहे मजदूर को काट देता है, जला देता है और उसका वीडियो बनाता है। इतने पर गरीब-गुरबों, किसानों-मजदूरों के देवता शंभू-शंकर त्रिलोक हिला डालते।

पर यहां गुजरात के चुनावी गरज के अलावा अपने साहब को कुछ भास ही नहीं रहा। वे गुजरात के मुख्‍यमंत्री की तरह पेश आ रहे जिसे अपनी कुर्सी किसी तरह बचानी है, चाहे देश भांड़ में चला जाए।

क्‍या हालत होती जा रही मुल्‍क की। जैसे इसका कोई माई-बाप ही ना हो। उधर नायडू साहब मां को सलाम करने की बात कर रहे इधर दिल्‍ली में, जहां उनकी पुलिस काम करती है, वहां शराब माफिया लोगों को शराब के खिलाफ जगाने वाली महिला को सरेआम नंगा कर उसका व‍िडियो बना देते हैं।

मोदी जी, कहां तो आप राम राज लाने वाले थे कहां कुहराम राज हर जगह दिख रहा है। राम राज में तो कोई मरता ही नहीं था, रोग शोक किसी को व्‍यापता नहीं था। यहां तो अस्‍प्‍तालों में बच्‍चे मर रहे और सड़कों पर गरीब मारे जा रहे। और गरीबनवाज हैं कि उन्‍हें हिमाचली और गुजराती टोपी पहनने से ही फुर्सत नहीं है। साहब आपके बाद बर्बरता ढूंढने को हमें इतिहास में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बर्बरता को उसकी नानी याद आने लगी है, पर आपको क्‍या, आप अपना यमकीर्तन चालू रखिए।

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