जनज्वार एक्सक्लूसिव : एसएससी परीक्षाओं में पेपर लीक का पर्दाफाश

Update: 2018-03-03 11:19 GMT

एसएससी पेपर लीक मामले में सबसे पहले खुलासा जनज्वार पर

सरकार सीबीआई को जांच सौंपे उससे पहले ही जानिए वह पूरा सिलसिला और मॉडस आॅपरेंडी की कैसे होता है पेपर लीक और क्यों कर रहे छात्र आंदोलन, 2016 से पहले एसएससी की परीक्षा के पेपर लीक करवाने वाले गिरोह हैं इस स्कैम के पीछे, ‎परीक्षा सेन्टर्स की लैब हैं स्कैम के पीछे

स्वतंत्र कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

दिल्ली। पिछले कई दिनों से दिल्ली में स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड यानी एसएससी के हेडक्वार्टर पर पूरे देश के अलग अलग इलाकों से आये युवा आंदोलन कर रहे हैं। इन युवाओं का आरोप है कि सरकारी नौकरी के लिए एसएससी द्वारा फरवरी में कराए गए एग्जाम में गड़बड़ी हुई है। युवाओं का कहना है कि पेपर लीक हुआ है, जिस वजह से अयोग्य लोग गड़बड़ी करके परीक्षा पास करने जा रहे हैं और योग्य उम्मीदवार पढ़ाई लिखाई और मेहनत करने के बाद भी सरकारी नौकरी हासिल नही कर पाएंगे।

इन आंदोलन करने वाले युवाओं के आरोप में कितनी सच्चाई है, हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।

दरअसल, 2016 से पहले एसएससी की परीक्षा के सेंटर बनाये जाते थे और सेंटर पर लिखित परीक्षा होती थी, लेकिन डिजिटल इंडिया बनाने का सपना देखने वाली सरकार ने 2016 से एसएससी की परीक्षा को ऑनलाइन कर दिया। इसका मतलब यह हुआ कि 2016 से एसएससी की लिखित परीक्षा सेंटर की जगह अब कंप्यूटर लैब को सेन्टर बनाया गया। जहां कंप्यूटर लैब में एसएससी की परीक्षा ऑनलाइन होने लगी।

सरकार ने एसएससी की परीक्षा ऑनलाइन की तो इस उद्देश्य से थी कि पेपर लीक होने की संभावना खत्म हो जाएगी और ऑनलाइन परीक्षा से पारदर्शिता आ जाएगी। लेकिन सरकार ने अपनी इस योजना को बनाते हुए हर योजना की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दिया।

सरकार ने एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाने के लिए कई बड़ी कंपनियों को ठेके दे दिए, जिनके पास 500 से लेकर 3000 हज़ार कंप्यूटर की क्षमता वाली कंप्यूटर वाली लैब हों। इन बड़ी कंपनियों के पास खुद की कंप्यूटर लैब नहीं थी।

इन कंपनियों ने आगे छोटी—छोटी कंपनियों को टेंडर दे दिए, जिनके पास एक साथ सैंकड़ों एसएससी की परीक्षा देने वाले युवाओं को एक लैब में हज़ारों कंप्यूटर पर ऑनलाइन परीक्षा दिलाने की व्यवस्था थी।

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बस यहीं बड़ी चूक हो गई। सूत्रों के मुताबिक दरअसल इन कंप्यूटर लैब को चलाने वालों में ऐसे कई लोग आ गए, जो 2016 से पहले सरकारी नौकरी, मेडिकल आदि के पेपर्स लीक करने के गैरकानूनी धंधे से जुड़े थे। इन लोगों ने कंप्यूटर लैब में करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट कर दिया।

इसके अलावा जिन्होंने इन लैब में इन्वेस्टमेंट नहीं किया उन्होंने इन लैब चलाने वालों से संपर्क करके लैब में हुई इन्वेस्टमेंट के बदले बड़ा मुनाफा कमाने का लालच देकर उनके साथ साठगांठ कर ली।

दूसरी तरफ सरकार की तरफ से जो एसएससी की परीक्षा आयोजित करवाने के लिए कमीशन दिया जाता है, उसका बड़ा हिस्सा वो बड़ी कंपनी रख लेती हैं जो सीधे सरकार से इन परीक्षाओं को आयोजित करवाने का ठेका लेती हैं। शेष रह गया कमीशन का छोटा हिस्सा कंप्यूटर लैब चलाने वालों के पास जाता है।

अब जब परीक्षा की तारीख तय होती है तो ये पेपर लीक के धंधे से जुड़े लोग एक्टिव हो जाते हैं और अपने नेटवर्क के जरिये ऐसे युवाओं को ढूंढ़ते हैं जो एसएससी की परीक्षा या कोई भी ऐसी परीक्षा देने जा रहे हैं, जिसका पेपर ऑनलाइन कंप्यूटर लैब में होना है। ये युवा पास होने के लिए 10 लाख से लेकर 50 लाख तक देने को तैयार हो जाते हैं।

परीक्षा के दिन लैब में असली खेल होता है। पैसा देने वाले परीक्षा में बैठे युवाओं के कंप्यूटर में सेटिंग करके पेपर के answer key डाल दी जाती है या फिर लैब में पैसे देने वाले छात्र के कंप्यूटर को हैक किया जाता है और पेपर सॉल्व करने वाले एक्सपर्ट्स को लैब द्वारा विशेषरूप से अनुबंधित किया जाता है।

ये एक्सपर्ट्स हैक किए हुए लैब के कंप्यूटर में दिए गए पेपर के उत्तरों का खुद ठीक करते हैं। इस तरह पैसा देने वाला युवा का पेपर एक्सपर्ट्स द्वारा हल किया जाता है और वह पास हो जाता है। दूसरी तरफ दिन रात कड़ी मेहनत करने वाला युवा इस दौड़ से बाहर हो जाता है।

हमारा मानना है सिर्फ इसी एसएससी की परीक्षा की जांच नहीं की जानी चाहिए, बल्कि जो भी ऑनलाइन परीक्षा हुई है चाहे वो मेडिकल की हो या दूसरी सभी की जांच होनी चाहिए।
अभी जो युवा एसएससी के मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं उनका भी यही आरोप है कि कंप्यूटर को हैक करके पैसे देने वाले प्रतियोगी छात्र का प्रश्नपत्र हल करके दे दिया गया।

क्या है विवाद की वजह
दरअसल जब फरवरी में एसएससी की परीक्षा हुई तभी सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें एसएससी का पेपर देने वाले एक छात्र के कंप्यूटर के पेपर के इंटरफ़ेस की फोटो दिखाई दे रही है। क्योंकि परीक्षा हॉल या लैब में फोन तो दूर की बात पेन ले जाने की भी इज़ाज़त नही होती तो एसएससी के पेपर की इंटरफ़ेस की फोटो कैसे खींची और ये तस्वीर कैसे बाहर आ गई।

हमें लगता है इस एंगल से जांच एजेंसी अपनी जांच आगे बढ़ाएगी तो उसको इस गड़बड़ी की सफलता जल्द मिलेगी।

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