एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल स्कूल का फरमान, सिर्फ सफेद और बेज रंग के इनरवियर ही पहन सकती हैं लड़कियां
साथ ही नए सत्र की डायरी में जारी किया निर्देश छात्र तय समय के मुताबिक ही कर सकते हैं शौचालय का प्रयोग, स्कूल के निर्देश से छात्रों—अभिाभावकों में भारी रोष...
पुणे, जनज्वार। स्कूल—कॉलेजों के छात्रों के लिए जारी किए जाने वाले अजीबोगरीब फरमान विवादों में आते रहे हैं। कभी कहीं लड़कियों के जींस पहनने पर रोक लगती है, तो कहीं फतवा जारी कर दिया जाता है कि लड़कियां आकर्षक परिधान इसलिए नहीं पहन सकतीं क्योंकि उससे लड़के आकर्षित होते हैं।
हाल में पुणे के एक निजी स्कूल एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल ने तो दो कदम और आगे बढ़ते हुए लड़कियों की ब्रा का कलर ही तय कर दिया है। स्कूल ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि लड़कियां स्कूल में सिर्फ सफेद और वेज रंग की ब्रा का प्रयोग स्कूल में कर सकती हैं। स्कूल के इस कड़े निर्देश से ऐसा महसूस होता है जैसे ब्रा भी स्कूल यूनिफॉर्म का ही हिस्सा है।
स्कूल के इस निर्देश से छात्राओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल ’द्वारा लड़कियों को विशेष रंग के इनरवियर पहनने के फरमान के खिलाफ अभिभावकों और छात्रों ने स्कूल के खिलाफ कल 4 जून को विरोध-प्रदर्शन किया।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल स्कूल ने छात्राओं के लिए खासतौर पर सफेद तथा बेज रंग के इनरवियर पहनने का फरमान जारी किया है। इतना ही नहीं, स्कूल प्रशासन ने यह भी तय किया है कि लड़कियों के स्कर्ट की लंबाई कितनी होगी।
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स्कूल प्रशासन यह कड़े फैसले सुनाने पर ही नहीं रूका, एक कदम और आगे बढ़ते हुए छात्रों और अभिभावकों को चेतावनी दी है कि जो छात्र और उनके अभिभावक स्कूल के इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल की कार्यकारी निदेशक सुचित्रा कराड नागरे इस मसले पर सफाई देते हुए कहती हैं, स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्र—छात्राओं के लिए डायरी में जो निर्देश जारी किए गए हैं उनका उद्देश्य बहुत साफ और पवित्र है। अतीत में हमें कुछ ऐसे अनुभव हुए हैं, जिस कारण हमने इस तरह के दिशा—निर्देश जारी किए। इसके पीछे हमारा कोई हिडन एजेंडा नहीं है।
गौरतलब है कि स्कूल द्वारा ये निर्देश स्कूल की डायरी में लिखकर जारी किए गए हैं। अभिभावकों को इन आदेशों पर सहमति देने के लिए हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं।
इसके अलावा सभी छात्रों को विशेष समय पर शौचालय का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। यानी छात्र अपनी मर्जी से टॉयलट का प्रयोग भी नहीं कर पाएंगे। इस मामले में भी अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ शासन—प्रशासन से कड़ा कदम उठाने की मांग की है।
हालांकि स्कूल के इन आदेशों पर अभी किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है, अधिकारियों ने इतना जरूर कहा है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा जारी किसी भी तरह के दिशा निर्देश छात्रों के हित और सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किए जाते हैं।
शिक्षा (प्राथमिक) निदेशक दिनकर दीमकर ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को इन मामलों की छानबीन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं और पीएमसी के शिक्षा बोर्ड ने मामले की जांच के लिए दो अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है। स्कूल के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद की जाएगी।