मोदी ने आडवाणी के साथ जैसा सुलूक त्रिपुरा में किया, उसे देख किसी की भी आंखें हो जाएंगी नम

Update: 2018-03-09 16:06 GMT

20 सेकेंड का वीडियो देख आपको पता चल जाएगा कि मोदी के संस्कारों का उदाहरण आप अपने परिवार और बच्चों में दें या न दें

घमंड तो सबको खा गया था, चाहे सिकंदर हो या खिलजी या फिर हिटलर, इसलिए मोदी जी राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों के प्रति यह हिकारत आपको एक तानाशाह तो बना सकती है, पर एक आदर्श जनप्रिय नेता नहीं...

जनज्वार। त्रिपुरा की राजधानी अगलतला में भाजपा के मुख्यमंत्री के ताजपोशी के कार्यक्रम में पहुंचे मोदी ने देश के सामने कैसा उदाहरण दिया, उसे आप खुद देखें और बताएं कि आखिर मोदी देश के किन लोगों के आदर्श बनेंगे, जिनका व्यवहार अपनी पार्टी के नेताओं के प्रति इतना नफरत भरा है।

आज 9 मार्च को त्रिपुरा के अगरतला में भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर विप्लव देब की ताजपोशी थी। चूंकि भाजपा पहली बार पूर्वोत्तर में अपने बूते सरकार बना रही है इसलिए पार्टी, पदाधिकारियों और नेताओं में वहां जाने की खासी ललक थी, जिससे वे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सकें।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी समेत गृहमंत्री राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत पार्टी के कई मंत्री—मुख्यमंत्री पहुंचे थे। भाजपा के बुलावे पर कार्यक्रम में त्रिपुरा के 25 साल तक मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार भी आए थे।

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में पहुंचने पर सभी नेता खड़े हुए। सभी ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया। वह भी सबसे हाथ मिलाते और अभिनंदन करते आगे बढ़ रहे थे। पर उन्होंने न आडवाणी की तरफ देखा और न अभिनंदन किया। बल्कि नोटिस ही नहीं किया कि आडवाणी भी वहां हैं।

जबकि आडवाणी उनके आगे हाथ जोड़े देर तक खड़े रहे। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गर्मजोशी से देर तक माणिक सरकार से हाथ मिलाते रहे। और बगल में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी जी लगभग रोनी सूरत बनाए हुए, चुप खड़े थे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आखिरकार वहां से प्रधानमंत्री चले जाते हैं, आडवाणी जी हाथ जोड़े खड़े रहते हैं पर मोदी, आडवाणी की ओर देखते तक नहीं।

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