जाट प्रतिनिधियों से नहीं मिले अमित शाह

Update: 2017-08-04 10:07 GMT

27 अगस्त की झज्जर रैली में हो जाट कर सकते हैं कोई बड़ी घोषणा

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से तीन दिन हरियाणा दौरे पर मुलातात नहीं हो सकी। जाट संघर्ष समिति अमित शाह से मिलकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की कारगुजारी से अवगत कराना चाहती थी, लेकिन अमित शाह ने समिति को समय नहीं दिया।

जाट संघर्ष समिति के अशोक बल्हारा के मुताबिक समिति अमित शाह से मिलकर उस समझौते को याद दिलाना चाहती थी, जिसे पूरा करने का आश्वासन 19 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि विरेंद्र सिंह और पीपी चौधरी के उपस्थिति में मिला था। साथ ही जेल में बंद जाट युवाओं की रिहाई के लिये पार्टी व सरकार कोई जल्द सम्मानजनक हल निकाले, हरियाणा व केन्द्र में जाट आरक्षण पर सरकार जल्द निर्णय लेकर जाट समाज को उनका अधिकार दिलाये।

जाट आरक्षण के नेताओं के अनुसार हरियाणा में के जाट आरक्षण आन्दोलन 2016 के दौरान व उसके पहले जाट समाज के खिलाफ 35-1 का नारा देकर हरियाणा के भाईचारे को तोड़ने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं व नेताओं पर सख्त कार्यवाही हो और जिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने भेदभाव कर आन्दोलन भड़काया, उन पर सख्त कार्यवाही हो।

जाट समाज उपरोक्त मुद्दों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह से वार्ता कर आष्वासन चाहता था, लेकिन अमित शाह मिले ही नहीं।

जाट प्रतिनिधियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि रोहतक में होते हुऐ जाट समाज के प्रतिनिधिमण्डल को समय ना देने से जाट समाज में रोश पैदा होगा और जो लोग हरियाणा का भाईचारा तोड़ना चाहते हैं, उनकी साजिश सफल होगी, जिसके जिम्मेदार अमित शाह होंगे।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव कृष्ण लाल हुड्डा कहते हैं, 'यदि सरकार ने 27 अगस्त तक 19 मार्च 2017 को हुए समझौते को पूर्णरूप से लागू नहीं किया तो 27 अगस्त 2017 को झज्जर की “भाईचारा रैली” में कोई कठोर निर्णय की घोषणा कर दी जाएगी।'