अंदर पड़ी रही तौलिया और डॉक्टरों ने सिल दी बच्चेदानी

Update: 2018-01-22 13:51 GMT

लापरवाही के कारण प्रसूता की हो चुकी है मौत, पर नहीं हो रही कोई सुनवाई, प्रसूता को इंसाफ दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी का सड़क पर संघर्ष जारी

पिपरिया, मध्य प्रदेश। जब एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पूरी दुनिया में घूम-घूमकर मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा, सड़कों, शिक्षा व्यस्था का बखान कर रहें हैं, वहीं दूसरे तरफ वहाँ के सरकारी अस्पतालों की अव्यस्था और गैर-जिम्मेदाराना हरकत से दर्दनाक मौतें हो रही हैं।

ऐसी कुछ घटना मध्य प्रदेश के शासकीय अस्पताल पिपरिया में घटी है। स्टाफ की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की दर्दनाक मौत हो गई।

इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मामले की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करने एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद तथा महिला के मासूम बच्चे के भरण पोषण की माँग को लेकर 20 जनवरी को शासकीय अस्पताल में पीड़ित परिवार के साथ धरना- प्रदर्शन किया।

गौरतलब हो कि ग्राम पौसेरा निवासी प्रसूता 'वर्षा बाई' पति आशीष दीवान का 6 दिसंबर 2017 को घर पर सामान्य डिलीवरी हुई थी। जिसके उपरांत ग्राम की आशा कार्यकर्ता के साथ 'जननी एक्सप्रेस' से उन्हें पिपरिया सरकारी अस्पताल लाया गया। वहाँ पर स्टाफ नर्सों द्वारा सफाई के दौरान कपड़ा उनकी बच्चेदानी में ही छोड़ दिया गया और टाँके लगा दिये।

इससे कुछ दिन बाद महिला की हालत बिगड़ी और उन्हें दोबारा शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहाँ के स्टाफ ने बताया कि उनकी बच्चेदानी में कपड़ा है। आॅपरेशन करके कपड़ा निकाला गया, पर तब तक अंदर इन्फेक्शन फैल चुका था। वर्षा की हालत लगातार खराब होती जा रही थी, जिसके बाद उनको पहले पिपरिया से होशंगाबाद और फिर भोपाल के हमीदिया में एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया।

करीब एक माह तक यह महिला दर्द से जूझती रही और 15 जनवरी 2018 को इंफेक्शन से भोपाल के हमीदिया अस्पताल में दर्दनाक मौत हो गई।

इस पूरे घटनाक्रम से सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है और यह पिपरिया के सरकारी अस्पताल में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व में भी इसी तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें प्रसूताओं की मौत हुई है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन नींद से नहीं जागा है।

इस दर्दनाक घटना को लेकर आम आदमी पार्टी वहां लगातार मुखर एवं संघर्षरत है। इस घटनाक्रम को लेकर धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं की एक ही माँग है कि इस घटना की जाँच कर दोषियों पर IPC की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए एवं पीड़ित परिवार को कम से कम 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस तरह लापरवाही की घटना दोबारा न हो।

इस प्रदर्शन के दौरान आम आदमी पार्टी के लोकसभा सचिव राजेश मालवीय, यूथ विंग प्रदेश सदस्य हर्षित शर्मा, विधानसभा प्रभारी संजय कोरी, विधानसभा सचिव शशिकांत तिवारी, वीरेंद्र कोरी, सर्वेश तिवारी, सचिन शर्मा समेत दर्जनों से अधिक कार्यकर्ता व ग्रामीण जन इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

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