विधायक का बेटा पहुंचा विधानसभा, मगर बतौर चपरासी

Update: 2017-12-23 12:14 GMT

विधायक ने कहा, मेरा बेटा जिस लायक था उसे उस पद पर नियुक्ति मिली, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं विधायक हूं और मेरा बेटा चपरासी की नौकरी करेगा...

राजस्थान। किसी भी सफल और बड़े बाप की चाहत होती है कि अगर उसका बेटा उससे चार कदम आगे न भी पहुंचे तो कम से कम उसके लेबल तक तो पहुंच ही जाए। लेकिन यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे लोग आश्चर्य के बतौर ले रहे हैं। जहां बाप विधायक है, वहां बेटा विधानसभा में बतौर चपरासी अपनी सेवाएं देगा।

मामला राजस्थान के जामवा रामगढ़ विधानसभा से जुड़ी है। यहां के भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा का बेटा रामकिशन चपरासी पद के लिए हुई परीक्षा में पास हुआ है। यह खबर मीडिया में छाई हुई है कि राजस्थान के एक विधायक का बेटा एक चपरासी के तौर पर विधानसभा नजर आएगा.

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जामवा रामगढ़ के जगदीश नारायण मीणा भाजपा से विधायक हैं। उनका बेटा राम किशन भी 18,008 उम्मीदवारों में से चपरासी पद के लिए चुने गये 18 सफल अभ्यर्थियों में से एक है।

खबरों के मुताबिक रामकिशन की नियुक्ति एक चयन बोर्ड से इंटरव्यू की गई है, लेकिन विपक्ष ने मामले को आड़े हाथों ले लिया है। विपक्ष कह रहा है कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए कि किस आधार पर यह नियुक्ति की गई है। राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट कह रहे हैं कि भाजपा ने युवाओं को 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। मगर आलम यह है कि अब कुछ हजार नौकरियां भी भाई-भतीजावाद के आधार पर दी जा रही हैं।

वहीं पहली बार भाजपा से विधायक चुने गए जगदीश नारायण मीणा का बेटे की चपरासी के बतौर हुई नियुक्ति पर कहना है कि मेरे बेटे ने नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई किया था। रामकिशन मेरे चार बच्चों में से सबसे बड़ा है इसलिए उसी पर छोटे भाई—बहनों और खेती—बाड़ी की जिम्मेदारी है। घर की जिम्मेदारियों के कारण वह दसवीं से आगे पढ़ाई नहीं कर पाया, इसलिए उसने चपरासी पद के लिए अप्लाई किया था। अब जब चपरासी के बतौर उसका चयन एक फेयर प्रोसेस से हुआ है तब भी विपक्ष ने इसे मामला बना लिया है, इसमें क्या गलत है समझ से परे है। रामकिशन की नियुक्ति किसी भाई—भतीजावाद के जरिए नहीं हुई है। मेरा बेटा जिस लायक था, वहां उसकी नियुक्ति हुई है, मगर कांग्रेस ने इसे भी वंशवाद कहना शुरू कर दिया है।

हालांकि रामकिशन को राजनीति में क्यों नहीं लाना चाहते? का जवाब देते हुए विधायक महोदय कहते हैं कि राजनीति हर कोई नहीं कर पाता। मेरा बेटा जिस लायक था उसे उस पद पर नियुक्ति मिली है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं विधायक हूं और मेरा बेटा चपरासी की नौकरी पाया है।

इससे पहले भी एक राजनेता के बेटे ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए आवेदन किया था। रामकिशन से पहले भाजपा के ही हीरालाल वर्मा के बेटे हंसराज ने ग्रेड चार की नौकरी के लिए अप्लाई किया था।