अवैध कब्जा : उत्तराखंड में तालाब की जमीन पर लगा दी फैक्ट्री

Update: 2019-03-13 05:12 GMT

तालाब इन दिनों न केवल फैक्ट्री चलाने का माध्यम बने हुये हैं, बल्कि इन तालाबों पर अवैध कब्जा करके खेती-किसानी भी धड़ल्ले से चल रही है....

रामनगर से सलीम मलिक की रिपोर्ट

कभी ग्रामीण क्षेत्रो में सिंचाई की रीढ़ माने जाने वाले तालाब में क्या फैक्ट्री चल सकती है? अविश्वसनीय से माने वाले इस सवाल को रामनगर के सन्दर्भ में देखा जाये तो इसका जवाब हां में ही है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट का सार कह रहा है।

गांव के यह तालाब इन दिनों न केवल फैक्ट्री चलाने का माध्यम बने हुये हैं, बल्कि इन तालाबों पर अवैध कब्जा करके खेती-किसानी भी धड़ल्ले से चल रही है। केन्द्र सरकार की गांवों के सूख चुके तालाब-पोखर-गधेरों को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना के तहत सरकार की ओर से ऐसे भी तालाब, पोखर, ताल आदि की कुण्डली खंगालने का काम जोरो पर है।

राजस्व विभाग के रिकार्ड की बात करें तो रामनगर क्षेत्र के राजस्व विभाग के अभिलेखों में कुल नौ तालाब, पोखर ऐसे हैं जिनके पानी से पूर्व में सिंचाई आदि का काम होता था। इसके अलावा इन पोखरों-तालाबों का पानी पशुओं के नहाने व अन्य कार्यो में प्रयोग किया जाता था।

लेकिन बदलते समय के साथ-साथ सिंचाई के नये साधन आ जाने के कारण इन तालाबों की महत्ता कम होती चली गई। यहां तक कि धीरे-धीरे यह तालाब सूखकर समतल होने की कगार पर आ गये। तालाबों के सूखने के बाद सरकारी लापरवाही का लाभ उठाते हुये इन तालाबों की भूमि पर लोगों ने नाजायज कब्जे करने शुरु कर दिये। स्थिति यह हो गई कि किसी तालाब पर कोई खेती कर रहा है, तो किसी तालाब पर किसी ने यूं ही अवैध कब्जा कर लिया है।

इतना ही नहीं बल्कि नेशनल हाइवे संख्या 121 से सटे एक तालाब पर तो बाकायदा एक फैक्ट्री ही संचालित होने लगी है। अब केन्द्र सरकार द्वारा इन सूख चुके तालाब-पोखर की सुध लिये जाने पर राज्य के राजस्व विभाग ने तालाबों की जानकारी जुटाना शुरू कर दी।

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार तहसील रामनगर क्षेत्र में वर्ग 6-1 की जलमग्न भूूमि तालाब के रूप में राजस्व विभाग के अभिलेखों में कुल नौ तालाब-पोखर दर्ज थे, जिसमें चिल्किया के खाता संख्या 339 के खसरा संख्या 2016 पर राजमती देवी पत्नी केशर सिंह, जस्सा गांजा के खाता संख्या 339 के खसरा संख्या 668 में विकास अरोरा पुत्र दिनेश अरोरा व प्रीति अरोरा पत्नी दिनेश कुमार, खाता संख्या 146 के खसरा संख्या 773 में गोधन सिंह, भोपाल सिंह, इन्द्र सिंह पुत्रगण त्रिलोक सिंह, देवीपुर मूल्या के खाता संख्या 93 के खसरा संख्या 100 में कुन्दन सिंह पुत्र बहादुर सिंह, टांडा मल्लू के खाता संख्या 164 के खसरा संख्या 321 में अब्दुल अजीज पुत्र मजीद द्वारा खेती की जा रही है।

मंगलार के खाता संख्या 41 के खसरा संख्या 228 में दिवाकर पुत्र यशवंत, टांडा मल्लू के खाता संख्या 164 के खसरा संख्या 264 पर बलबीर सिंह पुत्र अमर सिंह, कल्लनपुर टांडा के खाता संख्या के 35 के खसरा संख्या 94/96 पर सतनाम सिंह पुत्र अमीर चन्द्र का कब्जा है।

वहीं नेशनल हाइवे संख्या 121 से सटी टांडा मल्लू के खाता संख्या 164 के खसरा संख्या 226 पर प्रदीप कुमार रामेश्वर प्रसाद द्वारा फैक्ट्री संचालित की जा रही है। इस बारे में एसडीएम हरगिरी गोस्वामी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर क्षेत्र के तालाब-पोखर के बारे में विवरण जुटाया गया है।

राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर उपलब्ध विवरण को उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है। अधिकारियों का जो भी दिशा-निर्देश होगा, उसी के अनुरूप भविष्य में कार्यवाही की जायेगी।

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