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दिल्ली

जौहरी ने खुद की दुकान में लूटपाट का किया नाटक, गिरफ्तार

Janjwar Desk
23 Aug 2020 3:53 PM GMT
जौहरी ने खुद की दुकान में लूटपाट का किया नाटक, गिरफ्तार
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डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि जांच के दौरान तीन अलग-अलग कैमरों में रिकॉर्ड हुए तीन घंटे के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि दुकान में घुसते वक्त उस महिला का रवैया काफी दोस्ताना था....

नई दिल्ली। सेंट्रल दिल्ली के चांदनी महल में एक जौहरी ने अपने ही दो साथियों के साथ मिलकर खुद की दुकान को लूटने की नकली साजिश रची। इनमें से एक ने बुर्का पहन रखा था और दूसरे ने नकली पिस्तौल से धमकाने का नाटक किया। तीनों गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, अभिजीत सामंता नाम के इस जौहरी ने बीमा राशि पाने और पुलिस को चकमा देने की कोशिश में नकली आभूषणों का भी बंदोबस्त किया था।

पुलिस के पास शुक्रवार को एक फोन आया कि एक महिला उस फोन करने वाले आदमी को बेहोश कर 2.6 किलो का सोना लुटकर ले गई। इसके बाद चांदनी महल के गली जटवारा में मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए जो सोने से बने आभूषणों की आपूर्ति अन्य जौहरियों को करता था।

डीसीपी (सेंट्रल) संजय भाटिया ने बताया, 'उसने कहा कि रात के करीब 8:35 बजे वह एक दूसरे जौहरी से 50,000 रुपये का अपना पेमेंट लेकर अपने ऑफिस पहुंचा। जैसे ही वह अंदर आया, वहां पहले से बुर्के में मौजूद एक महिला ने उसके सिर पर बंदूक तान दी।

उसने बताया कि महिला ने उसे थप्पड़ मारे, उससे उसके 50,000 रुपये भी छीन लिए और लॉकर की चाबियां भी ले ली। इसके बाद महिला ने उस पर लॉकर खोलने का दबाव डाला और उसके हाथ-पैर बांध दिए और मुंह में एक कपड़ा ठूंस दिया। यह सब करने के बाद लॉकर में प्लास्टिक के तीन बॉक्स में रखे 1.6 किलोग्राम का सोना और एक किलो के सोने की पट्टी अपने साथ लुटकर ले गई।'

तदनुसार, चांदनी महल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। हालांकि जल्द ही पुलिस को उसके बयान में कई विसंगतियां मिलीं।

भाटिया ने बताया, 'जांच के दौरान तीन अलग-अलग कैमरों में रिकॉर्ड हुए तीन घंटे के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि दुकान में घुसते वक्त उस महिला का रवैया काफी दोस्ताना था और कथित अपराध के बारे में पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता के हावभाव भी बेहद संदेहजनक थे।'

छह घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद सामंत ने आखिरकार मान लिया कि उसने ही दरियागंज निवासी फरहान और नरेला के रहने वाले मुन्ना के साथ मिलकर यह पूरी साजिश रची।

गोल्ड स्टॉक के एवज में अलग-अलग तीन बैंकों से प्राप्त ऋणों का भुगतान न करना पड़े, इसके लिए उसने अपने ऑफिस को लूटने का प्लान बनाया था।

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