Thomas Cup Badmintion : फाइनल जीत पहली बार भारत ने रचा इतिहास, विश्व कप क्रिकेट 1983 की दिलाई याद
Thomas Cup Badmintion : फाइनल जीत पहली बार भारत ने रचा इतिहास, विश्व कप क्रिकेट 1983 की दिलाई याद
Thomas Cup Badmintion : भारत के लिए रविवार यानि 15 मई का दिन हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया है। थॉमस कप बैडमिंटन ( Thomas cup badminton ) के इतिहास में भारतीय टीम ने बहुत बड़ा कारनामा करते हुए नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम ने रविवार को बैंकॉक में खेले गए प्रतिष्ठत बैडमिंटन थॉमस कप ( India wins Thomas Cup Title ) का खिताब पहली बार अपनी झोली में डाल लियां
भारत ने फाइनल में प्रतियोगिता के 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को सीधे मुकाबलों में 3-0 से मात देते हुए इस खिताब पर कब्जा कर लिया। किदांबी श्रीकांत ने तीसरा गेम जीतने के बाद ही भारत को वह उपलब्धि दिला दी जो अपने आप में किसी ओलिंपिक स्वर्ण पदक या विश्व कप क्रिकेट जीतने से कम नहीं है। इसी के साथ भारत बैडमिंटन टीम ( Thomas cup badminton 2022 ) के खिलाड़ियो ने एक बार फिर देशवासियों को 1983 विश्व क्रिकेट कप की याद दिला दी, जब वेस्टइंडीज को हराकर भारत ( India ) ने पहली बार क्रिकेट का विश्व कप अपने नाम किया था। थॉमस कप में भी भारतीय टीम को पहली बार ऐतिहासिक जीत मिली है।
किदांबी श्रीकांत ने खेल प्रेमियों को रोमांच से भर दिया
थॉमस कप बैडमिंटन प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने शुरुआती दो गेम अपने करने के बाद तीसरे और निर्णायक मुकाबले में भारत के किदांबी श्रीकांत का मुकाबला इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी के साथ था, जिन्हें श्रीकांत ने पहले गेम में आसानी से 21-15 से मात देकर करोड़ों भारतीय खेल प्रेमियों को रोमांच से भर दिया। हालांकि, दूसरे मुकाबले में क्रिस्टी और श्रीकांत के बीच जबर्दस्त टक्कर देखने को मिली। दोनों ही खिलाड़ियों के बीच नर्व सिस्टम की काफी परीक्षा हुई।
रोमांच झूम उठने का भारतीयों के लिए यह ठीक वैसा ही नजारा था, जब पूरा हिंदुस्तान ओलिंंपिक के समय नीरज चोपड़ा के इर्द-गिर्द सिमट गया था। या 1983 में विश्व कप क्रिकेट का वो पल, जब भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप क्रिकेट जीतने में सफलता हासिल की थी।
इससे पहले थॉमस कप में भारत की ऐतिहासिक जीत का आधार भारत के उदीयमान सुपर सितारे लक्ष्य सेन ने विश्व नंबर-4 खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका को 8-21, 21-17, 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की अहम बढ़त दिलाकर रख दी थी। सेन की शुरुआत नर्वस भरी रही और पहले गेम में मानों उन्होंने एंथोनी के सामने सरेंडर कर दिया, लेकिन अगले दोनों गेमों में लक्ष्य सेन का एक अलग ही रूप देखने को मिला। उन्होंने गजब बैडमिंटन खेला। सेन की सर्विस और रिटर्न शॉटों के सामने एंथोनी की एक न चली। अगले दोनों गेम जीतकर लक्ष्य ने भारत को बेस्ट ऑफ फाइव की जंग में भारत को 1-0 से आगे कर दिया।