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उत्तर प्रदेश

UP के सिद्धार्थनगर में डेढ़ दर्जन घरों में लूट-आगजनी, मज़ार-क़ब्रिस्तान को भी पहुंचाया नुकसान

Janjwar Desk
28 Aug 2020 12:46 PM GMT
UP के सिद्धार्थनगर में डेढ़ दर्जन घरों में लूट-आगजनी, मज़ार-क़ब्रिस्तान को भी पहुंचाया नुकसान
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अपनी लूटी गई पान की गुमटी दिखाते रईस पान, यही था उनकी दो वक्त की रोटी का जरिया

27 वर्षीय सादिक की शादी हुए 5 दिन ही हुए थे, दुल्हन की मेंहदी का रंग भी अभी फीका नहीं हुआ था कि उपद्रवियों ने दुल्हन के साथ आये सारे सामान को लूट लिया। यहां तक जो चीजें नहीं ले जा सके बेड, बोर्ड, पंखा आदि चीजों को तोड़ दिया...

शाहरुख अहमद की रिपोर्ट

सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के त्रिलोकपुर थाना के हथपरा गांव में गुरुवार 20 अगस्त शाम को दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर जमकर ईंट-पत्थर चले, जिसमें दोनों पक्षों से कई लोग घायल हो गए।

मारपीट में ध्रुवराज चौधरी नामक बुजुर्ग को गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। इस घटना को साम्प्रदायिक ताकतों ने राजनीतिक अवसर में तब्दील कर साम्प्रदायिक रंग दे दिया, जिसके बाद से उपद्रवियों ने गांव की स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है।

घटना के दूसरे दिन शुक्रवार 21 अगस्त को आसपास के गांव से सुबह उपद्रवियों ने उन्मादी नारा लगाते हुए गांव को घेर लिया। उसके बाद भीड़ ने मुस्लिम घरों को चिन्हित कर डेढ़ दर्जन से ज्यादा घरों को लूटा। उसके बाद तोड़फोड़, आगजनी और यहां तक की मुस्लिम धर्मस्थल मजार पर तोड़फोड़ और कब्रिस्तान की बाउंड्री ढहा दी। घटना में बुजुर्ग ध्रुवराज चौधरी के मौत के बाद 12 लोगों की गिरफ्तारी की गयी।

गांव वालों के मुताबिक, घटना 7 दिन बाद भी गाँव में स्थिति तनावपूर्ण है। प्रशासन एक पक्षीय कार्यवाही कर रही है। दो अलग-अलग साम्प्रदाय के घरों की लड़ाई में नफ़रत की राजनीति करने वालों ने गाँव के मुस्लिम समुदाय को बलि का बकरा बना दिया। गाँव के मुस्लिम समुदाय के लोगों पर उपद्रवियों के दमन पर पुलिस प्रशासन की चुप्पी ख़तरनाक साबित हो रही है।

घटना के दूसरे दिन उपद्रवियों की लूटपाट, तोडफ़ोड़, आगजनी और उपद्रव के डर से गांव के ज्यादातर लोगों ने अपने घर वालों, महिलाओं-बच्चों को रिश्तेदारियों में छोड़ दिए हैं। घरों में लूटपाट के डर से मर्द घरों की रखवाली कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन अभी तक उपद्रवियों पर कोई कार्यवाई ही नहीं की है।

गरीबों की झोपड़ी को भी नहीं बख्शा उपद्रवियों ने

इस घटना के शिकार बने हथपरा गांव निवासी 37 वर्षीय गुलाम जिलानी बताते हैं कि 'घटना के दूसरे दिन शुक्रवार 21 अगस्त को 11 बजे 50 से ज्यादा की संख्या में भीड़ ने मेरे घर पर पत्थरों से हमला कर दिया। भीड़ घर की तरफ बढ़ रही थी तो हमने अपने घर वालों के साथ जान बचाने के लिए पीछे के रास्ते से निकल गए। कुछ देर बाद जब भीड़ वहां से चली गयी तो घर जाकर देखता हूँ कि मेरे घर का सारा सामान भीड़ ने लूट लिया। आलमारी तोड़ कर एक लाख का जेवर और उसमें 25 हजार रुपये थे, उसको लूट लिए। फ्रिज, कूलर, दो सोलर प्लेट, बडा बैटरा, गैस चूल्हा, गैस बाटला, मोटर, नल, 10 कुर्सी, दो बड़े डेग और कई सामान उपद्रवियों ने लूट कर चले गए। घर लुटे हुए 5 दिन हो रहे हैं, मगर आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई पुलिस प्रशासन के लापरवाही से उपद्रवियों ने घरों को लूटा, मौके पर मौजूद पुलिस से कहा भी जा रहा था कि भीड़ घरों को लूट रही थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने नहीं रोका।'

27 वर्षीय सादिक की शादी हुए 5 दिन ही हुए थे, दुल्हन की मेंहदी का रंग भी अभी फीका नहीं हुआ था कि उपद्रवियों ने दुल्हन के साथ आये सारे सामान को लूट लिया। यहां तक जो चीजें नहीं ले जा सके बेड, बोर्ड, पंखा आदि चीजों को तोड़ दिया। दुल्हन के जेवर, पेटी में रखे गए हुए सामान, कुर्सी, टेबल, सिलाई मशीन, पानी चलाने वाली मशीन और कई सामानों को लूट कर लेकर चले गए।

38 साल की हबीबुन बताती है, शुक्रवार 21 अगस्त को 11 बजे के करीब सैकड़ों की संख्या में भीड़ घर पर पहुंचती है। दरवाजा न खुलने पर बाउंड्री की दीवाल गिराकर घर में घुसकर लूटपाट करते हैं। 5 बकरी, जेवर, 3 हजार रुपये, नल, राशन को लूट लिया और हमारे पति जो ठेला चलाते थे जिससे मेरे घर का खर्चा चलता था, उसको भी तोड़ दिया। दिन में लूटने के बाद रात में भी लूटने आए थे, उन लोगों से हमने हाथ जोड़कर कहा कि अब कुछ नहीं बचा है, हमारे पास से चले जाइए। वो लोग गाली-गलौज करते हुए चले गए, उनके जाने के बाद अपने घर वालों की जान बचाने के लिए बच्चों के साथ घर के पीछे खेत ही खेत दूसरे घर चली गई।

संप्रदाय विशेष का यह घर भी बना लूट और आगजनी का शिकार

इसी तरह से बुजुर्ग रमजान अली जिनकी उम्र 75 साल है, उस दिन के मंजर को याद कर कांप जाते हैं। कहते हैं, भीड़ घर में गेट को तोड़कर लूटपाट करने लगती है। मैंने उनको रोका तो भीड़ ने मुझे धकेल दिया और फिर दो नल, सोलर प्लेट, बड़ा वाला बैटरी, साइकिल, 6 बकरी, 5 हजार रुपये, राशन और कई सामानों को लूट ले गए।

रईस पान की गुमटी कर अपने बच्चों का पालन पोषण करते थे, उनके गुमटी को उपद्रवियों ने लूट लिया। शाकिर के घर से 10 बकरी-बकरा, दो साइकिल, राशन, घास काटने वाली मशीन लूट लिया गया। मोहम्मद हुसैन घर के सामने मुर्गी पालन का छोटा-सा रोजगार करते थे, उपद्रवियों ने उनके 15 मुर्गियों को उठा ले गए। जमुरता सब्जी की खेती करती हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ ने मेरे खेत में लगी हुई सब्जी को तोड़ ले गई और बाकी का नुकसान कर दिए। इसी तरह उपद्रवियों ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा घरों को लूटा।

(शाहरुख अहमद यूपी में सक्रिय संगठन पीपुल्स एलायंस से जुड़े हैं। यह रिपोर्ट फैक्ट फाइंडिंग का हिस्सा है। उनके साथ फैक्ट फाइंडिंग में अफ़रोज़ सिद्दीकी भी शामिल थे।)

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