Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

पुलिस-पैरामिलिट्री के सख्त पहरे में खोरी गांव पर चला बुल्डोजर, सैकड़ों लोग पुलिस हिरासत में

Janjwar Desk
9 July 2021 8:08 AM GMT
पुलिस-पैरामिलिट्री के सख्त पहरे में खोरी गांव पर चला बुल्डोजर, सैकड़ों लोग पुलिस हिरासत में
x

(फरीदाबाद का खोरी गांव कई साल पुराना असंगठित क्षेत्र के मजदूर परिवारों का गांव है)

खोरी गांव को लेकर सुप्रीम कोर्ट और जिला प्रशासन का मानना है कि इन लोगों ने संवेदनशील वन क्षेत्र वाली सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर रखा है। वे करीब एक दशक से अतिक्रमण हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यहां रहने वाले लोग खुद को निर्दोष बताते हैं....

जनज्वार डेस्क। फरीदाबाद के गांव खोरी क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे पहले गुरुवार 8 जुलाई को पहले तोड़े गए मकानों व लोगों द्वारा खुद खाली किए गए मकानों का मलबा, ईंट, दरवाजे, खिड़कियां व अन्य सामान लोगों ने खुद ही उठाना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रशासन और पैरामिलिट्री की पहरेदारी में ट्रक व जेसीबी काम पर लगे हुए हैं। इससे पहले प्रशासन द्वारा खोरी क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था।

बता दें कि इसके पूर्व खोरी निवासियों ने प्रशासन से अपील की थी कि स्वयं ही अपना सामान व निर्माण मलबा उठाना चाहते हैं। इसे लेकर बुधवार 7 जुलाई की देर शाम नगर निगम आयुक्त डॉ. गरिमा मित्तल, उपायुक्त यशपाल व डीसीपी एनआईटी अंशु सिंगला ने पत्रकारवार्ता कर लोगों तक यह संदेश पहुंचाया था कि गुरुवार को तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं होगी और लोग यदि चाहे तो स्वयं अपने मकानों का सामान व अन्य मलबा उठा सकते हैं।

सुबह करीब छह बजे नगर निगम आयुक्त डॉ. गरिमा मित्तल, उपायुक्त यशपाल व डीसीपी एनआईटी अंशु सिंगला सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। इस दौरान सभी अधिकारियों ने लोगों से कहा कि निर्माण सामग्री जिसमें ईट, चौखट, खिड़की, दरवाजे व अन्य जरूरी सामान है, वह काफी महंगा होता है। आप चाहें तो अपना मलबा व जरूरी सामान उठा सकते हैं।

इसके लिए प्रशासन द्वारा वहां पर बड़ी संख्या में जेसीबी व ट्रकों का इंतजाम किया गया था। मलवा बेचने ठेकेदार और सामानों को बेचने के लिए कबाड़ी भी उपलब्ध करवाए। इस दौरान अनेक लोग सामने आए और अपना सामान ले जाना शुरू किया। जेसीबी से मकानों को गिराकर उसके मलबे व अन्य सामान को ट्रक में भरवा कर ले गए। दोपहर बाद तक काफी संख्या में मकानों का सामान व मलबा उठाया जा चुका था।

उपायुक्त यशपाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन हर हालात में किया जाएगा। इससे पहले लोगों को यह समय दिया गया है कि वह अपना जरूरी सामान वह मलबा स्वयं ही उठा लें।

बता दें कि गुरुवार को सौ से ज्यादा प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करने पहुंचे लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। प्रदर्शनकारियों को बसों में भरकर मंदिर मार्ग व कनॉट प्लेस समेत कई थानों में रखा गया। हालांकि कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पूर्व भाजपा सांसद व कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

खोरी गांव को लेकर सुप्रीम कोर्ट और जिला प्रशासन का मानना है कि इन लोगों ने संवेदनशील वन क्षेत्र वाली सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर रखा है। वे करीब एक दशक से अतिक्रमण हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यहां रहने वाले लोग खुद को निर्दोष बताते हैं। उनका दावा है कि भूमाफियाओं ने उन्हें यहां बसा दिया है। जिन्होंने पैसे लिए और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके जमीन उन्हें बेच दी है।

फरीदाबाद का खोरी गांव कई साल पुराना असंगठित क्षेत्र के मजदूर परिवारों का गांव है। मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी के मुताबिक़ 1970 के आसपास में बसा हुआ यह गांव धीरे-धीरे बढ़ता गया और आज 2021 में गांव की आबादी एक लाख तक पहुंच गई इस गांव में 10,000 घर बने हुए हैं इन घरों में अधिकतम लोग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

आपको बता दें कि इसे पूरे मामले की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई। जब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने खोरी गांव के पुनर्वास करने के संबंध में फैसला सुनाया। इसके बाद फरीदाबाद नगर निगम ने वर्ष 2017 में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जिसमें 7 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव के मजदूर परिवार के घरों को 6 सप्ताह में बेदखल करने का फैसला सुनाया। प्रशासन ने खोरी गांव की बिजली एवं पानी की सुविधा को रोक दिया।

Next Story

विविध