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World Justice Project 2021: पड़ोसी पाकिस्तान में कानून-व्यवस्था की हालत बदतर, Rule of Law Index में 139 देशों की सूची में 130वें स्थान पर इमरान का देश

Janjwar Desk
20 Oct 2021 6:48 AM GMT
World Justice Project 2021: पड़ोसी पाकिस्तान में कानून-व्यवस्था की हालत बदतर, Rule of Law Index में 139 देशों की सूची में 130वें स्थान पर इमरान का देश
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कानून के शासन मामले में जिन देशों ने टॉप 5 की श्रेणी में जगह बनाई है उनमें डेनमार्क 0.90 के साथ पहला स्थान, नॉर्वे 0.90 के साथ दूसरा, फिनलैंड 0.88 स्कोर के साख तीसरा, स्वीडन 0.86 अंक के साथ चौथा और जर्मनी, 0.84 अंक के साथ पांचवे स्थान पर काबिज हुआ...

Rule of Law Index 2021: पड़ोसी देश पाकिस्तान में कानून व्यवस्था की क्या हालात है ये किसी से छिपा नहीं हैं। हाल ही में प्रकाशित रूल ऑफ लॉ (Rule of Law Index 2021)की रिपोर्ट ने पाकिस्तान में कानून के शासन की पोल खोल कर रख दी। दरअसल, रूल ऑफ लॉ इंडेक्स ने साल 2021 की रिपोर्ट जारी की है। वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (डब्ल्यूजेपी) के द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, कानून के शासन का पालन करने वाले 139 देशों की सूची में पाकिस्तान को 130वां रैंक मिला है। पिछले साल पाकिस्तान का इस सूचकाकं में 120वां था। यानि, कानून व्यवस्था के हालात पाकिस्तान में दिनों दिन नीचे ही जा रही है।

बता दें कि रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2021 के लिए आकलन के लिए 0 से 1 के स्केल पर देशों की लिस्ट तैयार की गई है। अंक 1 कानून के शासन का सबसे मजबूत पालन दर्शाता है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क इस सूची में 0.90 स्कोर लाकर पहले पायदान पर है। पाकिस्तान ने इस आकलन में 0.39 का खराब स्कोर हासिल किया है। दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान इस मामले में सिर्फ अफगानिस्तान से ही आगे है। कानून के शासन की श्रेणी में नेपाल, श्रीलंका, भारत, बांग्लादेश सभी ने पाकिस्तान से बेहतर प्रदर्शन किया है।

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भ्रष्टाचार, मौलिक अधिकार, व्यवस्था, सुरक्षा और नियामक प्रवर्तन के मामले में निराशाजनक प्रदर्शन किया है। इन सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान दक्षिण एशिया में दूसरा सबसे खराब राष्ट्र है। आपराधिक न्याय प्रणाली, नागरिक न्याय, खुली सरकार और सरकारी शक्तियों पर बाधाओं के क्षेत्र में पाकिस्तान कुल छह क्षेत्रीय देशों में से चौथे स्थान पर है। विश्व स्तर पर 139 देशों में से पाकिस्तान आदेश और सुरक्षा के मामले में तीन सबसे खराब देशों में से है। इस मामले में 139 देशों में से पाकिस्तान को 137वां स्थान मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक न्याय, नियामक प्रवर्तन, मौलिक अधिकार और भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान क्रमशः 124वें, 123वें, 126वें और 123वें स्थान पर है।

पिछले साल के मुकाबले भारत भी कमजोर पड़ा

रूप ऑफ लॉ सूचकांक में भारत ने इस साल 0.50 अंक स्कोर किया है। 139 देशों में भारत 79वें स्थान पर है। कानून के शासन मामले में भारत में पिछले साल के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। खुली सरकार के मामले में भारत 139 देशों में 40वें स्थान पर है। मौलिक अधिकार में 93वें, सामाजिक न्याय में 110वें, आपराधिक न्याय में 86वें पायदान पर है।

पिछले वर्ष के मुकाबले, भारत की स्थिति खराब हुई है। साल 2020 के रिपोर्ट में भारत इस सूची में 69वें स्थान पर था।

इस रिपोर्ट की मानें तो भारत के मुकाबले नेपाल की रैंकिग बेहतर है। 0.52 अंक के नेपाल इस सूची में 70वें स्थान पर है। श्रीलंका 0.50 अंक के साथ 76वें स्थान पर, बांग्लादेश 0.40 अंक के साथ 124वें पायदान पर और चीन, 0.47 अंक के साथ 98वें पायदान पर है।

सूची में पांच सर्वश्रेष्ठ देश

वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट(WJP) द्वारा हर साल रूल ऑफ लॉ इंडेक्स जारी किया जाता है। इस साल इसमें 139 देशों में कानून के प्रदर्शन के आधार पर स्कोरिंग और रैंकिंग की गई। कानून के शासन मामले में जिन देशों ने टॉप 5 की श्रेणी में जगह बनाई है उनमें डेनमार्क पिछले साल की तरह ही 0.90 के साथ पहला स्थान, नॉर्वे 0.89 के साथ दूसरा, फिनलैंड तीसरे, स्वीडन 0.86 अंक के साथ चौथे और जर्मनी, 0.84 अंक के साथ पांचवें स्थान पर काबिज हुआ।

Rule of Index 2021 में सबसे बेहतर और खराब प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 देशों की सूची

15 अक्टूबर, 2021 को जारी वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (डब्ल्यूजेपी) इंडेक्स 2021 के अनुसार, विश्व की 84.7 प्रतिशत आबादी ऐसे देशों में रहती है जहां कानून व्यवस्था धीरे धीरे कम हो रही है। इंडेक्स में 94% देशों में प्रशासनिक, नागरिक या आपराधिक कार्यवाही में देरी दर्ज की गई।

रूल ऑफ लॉ सूचकांक का नियम 8 कारकों पर प्रत्येक देशों को रैंक और स्कोर देता है। इनमें सरकारी शक्तियों पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार की अनुपस्थिति, खुली सरकार, मौलिक अधिकार, आदेश और सुरक्षा, नियामक प्रवर्तन, नागरिक न्याय और आपराधिक न्याय शामिल हैं।

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