नीतीश के पूर्व मंत्री मेवालाल चौधरी की कोरोना से मौत, PMCH में नहीं मिल पाया था बेड
कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही मेवालाल इलाज के लिए पटना पहुंच गये थे, लेकिन पीएमसीएच में बेड नहीं मिलने के कारण उन्हें पारस अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था.....
जनज्वार। बिहार में इस बार के चुनावों के बाद नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद सबसे ज्यादा विवादों में आने वाले मेवालाल चौधरी का कोरोना से आज 19 अप्रैल को तड़के निधन हो गया। पटना के पारस अस्पताल में मेवालाल चौधरी ने अंतिम सांसें लीं।
जानकारी के मुताबिक मेवालाल चौधरी की तबीयत पिछले 5 दिनों से खराब चल रही थी। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। एंटीजन टेस्ट में मेवालाल चौधरी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुयी थी। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही मेवालाल इलाज के लिए पटना पहुंच गये थे, लेकिन पीएमसीएच में बेड नहीं मिलने के कारण उन्हें पारस अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था। मेवालाल चौधरी की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था, इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें रविवार 18 अप्रैल की रात वेंटिलेटर पर रखा, लेकिन संक्रमण अधिक फैल जाने से उनकी मौत सोमवार 19 अप्रैल की सुबह मौत हो गयी।
जहां तक मेवालाल चौधरी के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो वे 2015 के बाद तारापुर से लगातार विधायक थे। तारापुर के कमरगामा गांव में विधायक के निधन की खबर सुनते ही ग्रामीणों के बीच कोहराम मचा हुआ है। क्षेत्र में उनके चाहने वाले समर्थकों के बीच भी शोक की लहर दौड़ गई है। मेवालाल चौधरी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार विधायक रहे। 2020 कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें शिक्षा मंत्री के पद की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मेवालाल चौधरी भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। कुलपति रहते हुए मेवालाल पर नियुक्ति घोटाले का आरोप लगा था। 2 वर्ष पहले उनकी पत्नी व तारापुर की पूर्व विधायक नीता चौधरी की झुलसने से मौत हो गई थी।
मेवालाल चौधरी के पीए शुभम ने मीडिया को बताया कि डॉक्टर मेवालाल चौधरी के स्वास्थ्य से जुड़ी पल पल की खबर ले रहे थे, लेकिन फेफड़े में संक्रमण के अधिक फैल जाने से डॉक्टरों का प्रयास विफल हो गया और उनकी मौत हो गई। शुभम का कहना है कि डॉक्टरों ने बताया यदि विधायक मेवालाल चौधरी सोमवार तक बच जाते तो उनकी जान बच सकती थी।
गौरतलब है कि मेवालाल चौधरी के नियुक्ति घोटाले में आरोपित होने के बावजूद इस बार नीतीश सरकार में मंत्री बनाने की चर्चाएं अभी चल ही रहीं थीं कि अब एक नए मामले को लेकर उनपर सवाल उठ गए हैं। मामला उनकी पत्नी की मौत से जुड़ा था। राज्य के एक पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने डीजीपी को पत्र भेज उनकी पत्नी नीता चौधरी की मौत मामले की जांच की मांग उठायी थी। मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की अप्राकृतिक मौत का यह मामला साल 2019 का था। 27 मई 2019 को मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की अप्राकृतिक मौत को लेकर मुंगेर जिला के तारापुर थाने में अननेचुरल मौत का मामला दर्ज किया गया था।