Degree Issue Uttarakhand : डिग्री नहीं मिलने से परेशान हैं पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र, जानिए क्या है पूरा मामला

Degree Issue Uttarakhand : जय श्री कालेज के 37 छात्रों ने अल्मोड़ा कोतवाली में कालेज के चैयरमेन भानु प्रकाश जोशी के खिलाफ धारा 420,406, के तहत 16 अप्रैल 2022 को मुकदमा दर्ज किया। तब 24 अप्रैल को एसडीएम अल्मोड़ा को जय श्री कालेज में जाँच हेतु भेजा गया उनके समक्ष चैयरमेन भानु प्रकाश जोशी द्वारा कुछ छात्रों को डिग्री बांट दी गयी इस डिग्री मे भी यूनिवर्सिटी का कहीं नाम नहीं है...

Update: 2022-06-10 10:56 GMT

Degree Issue Uttarakhand : डिग्री नहीं मिलने से परेशान हैं पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र, जानिए क्या है पूरा मामला

Degree Issue Uttarakhand : जिस तरह से देश दुनिया में शिक्षा का निजीकरण हो रहा है प्राइवेट स्कूलों, कालेजों में वृद्धि हो रही है उत्तराखंड भी इस से अछूता नहीं रहा है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित जय श्री पैरामेडिकल कालेज पिछले काफी लम्बे समय से छात्रों को डिग्री ना देने व फर्जी डिग्री (Degree Issue Uttarakhand) देने के कारण विवादों में है, जबकि जय श्री कालेज के चेयरमैन भानू प्रकाश जोशी जो उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल से संबंध रखते है, लगातार छात्रों को कालेज का उत्तराखंड में स्थित महाराज अग्रसेन गढवाल यूनिवर्सिटी से संबंधित होने का आशवासन दे रहे हैं।

इसके बावजूद भी जय श्री कालेज के किसी भी छात्र का आज तक यूनिवर्सिटी से सम्पर्क नहीं हो पाया है, जबकि अल्मोड़ा कुमाऊं का सबसे पुराना शहर है यहां हजारों छात्र अपने सुनहरे भविष्य के सपनों को लेकर यहां पढने आते है अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, नैनीताल आदि जिलों से भी लोग रहा पढने आते हैं। जय श्री कालेज की स्थापना 2010 मे हुईं थी। कालेज प्रशासन के अनुसार यह कालेज गढवाल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध है परन्तु कालेज की बेबसाइट के अनुसार यह कालेज पैरामेडिकल व मैनेजमेंट के कोर्स होटल मैनेजमेंट, पैरामेडिकल, नर्सिंग,योगा एमबीए, एमएससी, बीटेक, बीएएसी जैसे कोर्स कराती है।

जय श्री कालेज के एक छात्र ने 13 मार्च 2021 को हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी पोखरा से पंजीकरण से संबंधित सूचना अधिकार आनलाइन माध्यम से मांगी थी जिसकी पंजीकरण संख्या UGCOM/R/E/210/02273 है। जिसकी सूचना यूजीसी द्वारा 16 अप्रैल 2021 को दी गई जिसके अनुसार विश्वविघालय को एक निजी विश्वविद्यालय के रूप् मे राज्य विधानमंडल के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया। अधिनियम की धारा 22 के तहत मुख्य परिसर में पढने वाले छात्रों को वैधानिक निकायों/परिषदो के अनुमोदन से डिग्री प्रदान (Degree Issue Uttarakhand) करने का अधिकार है।

यूजीसी अन्य प्रासंगिक वैधानिक परिषद द्वारा निर्धारित मानदंडों व मानकों के अनुसार पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, शिक्षण और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति सहित शैक्षणिक व भौतिक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने के बाद जहाँ भी इसकी आवश्यकता है आवश्यक है। सूचना अधिकार मे यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कालेज का पैरामेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2017 के बाद पैरामेडिकल के सारे कोर्स कराना बन्द कर दिये थे। लेकिन जिन छात्रों ने 2016 व 2017 मे यूनिवर्सिटी के अन्दर पैरामेडिकल कोर्स किए उसका भी उत्तराखंड पैरामेडिकल परिषद अधिनियम 2009 व विनियमन 2014 के प्रावधान के अन्तर्गत भी परिषद द्वारा मान्यता लेने हेतु कोई आवेदन जय श्री कालेज द्वारा नहीं किया गया है। हिमालयन गढवाल यूनिवर्सिटी द्वारा बांटी गयी कोई भी डिग्री उत्तराखंड पैरामेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन हेतु वैध नहीं है।

जय श्री कालेज के 37 छात्रों ने अल्मोड़ा कोतवाली में कालेज के चैयरमेन भानु प्रकाश जोशी के खिलाफ धारा 420,406, के तहत 16 अप्रैल 2022 को मुकदमा दर्ज किया।  तब 24 अप्रैल को एसडीएम अल्मोड़ा को जय श्री कालेज में जाँच हेतु भेजा गया उनके समक्ष चैयरमेन भानु प्रकाश जोशी द्वारा कुछ छात्रों को डिग्री बांट दी गयी इस डिग्री मे भी यूनिवर्सिटी का कहीं नाम नहीं है।

जय श्री कालेज से बीएमएलटी कर चुकी एक छात्रा का कहना है 2017 मे जब मैंने एडमिशन लिया उस समय हमें बताता गया जय श्री कालेज सिंघानिया एसोसिएट से लिंक है। जब हम द्वितीय वर्ष का कोर्स कर रहे थे तो हमें पता चला सिंघानिया एसोसिएट कोर्स कराने के लिए आॅथराइज नहीं है। तब हमने कालेज के चैयरमेन से बात की तो उन्होंने यूनिवर्सिटी बदलने की बात कही और रातों रात गढ़वाल हिमालयन यूनिवर्सिटी मे डाल दिया। लेकिन कोर्स पूरा होने के बाद भी हमें डिग्री नहीं मिली बार-बार टालते रहे कभी कोविड का बहाना तो कभी कुछ। जब हमने काउंसिल में पता किया तो पता चला जय श्री कालेज का रजिस्ट्रेशन नहीं है।

अभी तक हमें आरिजनल या प्रोविजनल कोई भी डिग्री नहीं मिली है जबकि मुझे कालेज से पासआउट हुए दो साल हो गये 2020 मे मेरा कोर्स पूरा हो गया था। छात्रा का कहना है कि 25000 प्रति सेमेस्टर की दर से फीस जमा की गयी है। छात्रा ने कहा है कि अल्मोड़ा मे किराए के कमरे में रहती हूं। कालेज से एमबीए कर चुके एक छात्र का कहना है 2017 में मैंने एडमिशन लिया था। बिना मान्यता प्राप्त किए ही कोर्स शुरू कर दिया था, हमें जो डिग्री मिली है वह कहीं भी वैध नहीं है इस डिग्री के आधार पर हमें कहीं भी सरकारी या प्राईवेट संस्थान में नौकरी नहीं मिलेगी। जब हमने चैयरमेन सर से यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रेशन ना होने की बात कही तो उन्होंने पांच छात्रों को रिस्टीकेट कर दिया।

जय श्री कालेज के ही एक अन्य छात्र जो डेंटल हाईजीन मे दो साल का कोर्स कर चुके हैं का कहना है 2017 मे मैंने जय श्री कालेज में प्रवेश लिया तब यह कालेज मुक्त विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था फिर 2017 मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूओयू ने अपने सभी आफ कैंपस कोर्स बन्द कर दिये। और फिर 2017 मे ही कालेज ने सिंघानिया यूनिवर्सिटी राजस्थान से सम्बद्ध कर दिया इसी दौरान सिंघानिया यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े के विवादों से घिर गई जिस कारण जय श्री कालेज ने यूनिवर्सिटी बदली। इसे हिमालयन पैरामेडिकल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कर दिया जिस कारण हमारी फीस रसीद मे अलग-अलग यूनिवर्सिटी के नाम दर्ज हैं। वेबसाइट पर मार्क्सशीट तो दिखाई गई है लेकिन डिग्री कहीं उपलब्ध नहीं है। वे आगे बताते हैं कि 2016 मे हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड में पैरामेडिकल के किसी भी डिप्लोमा कोर्स का पंजीकरण (Degree Issue Uttarakhand) नहीं किया जाता इसके बावजूद भी यूनिवर्सिटी और कॉलेज राज्य में डिप्लोमा कोर्स को संचालित कर रहे है। जो सीधे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

जब इस मामले (Degree Issue Uttarakhand) में डीएम अल्मोड़ा वन्दना सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उन्हें फोन नहीं उठाया। कई बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं उठाया गया और फिर कुछ समय बाद डीएम कार्यालय के नम्बर से फोन आया। मेरे द्वारा पूछे जाने पर सामने से बताया गया कि मैं फोन आपरेटर बोल रहा हूँ जब मैंने पूछा मैडम से बात हो सकती है तब उन्होंने बताया मैम ने मैसेज छोड़ा है किस संबंध मे बात करनी है तब मैंने बताया कि मुझे जय श्री कालेज प्रकरण मे बात करनी है क्या मेरी बात हो आएगी तो सामने से जवाब मिला मैम अभी व्यस्त हैं। जब मैंने फिर से 2 घंटे बाद फोन किया तब भी कोई जवाब नहीं दिया गया। इस संबंध मे एसडीएम अल्मोड़ा को भी कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन नहीं उठाया।

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