गोरखपुर में छात्रा से बर्तन धुलवाने के आरोपी प्रधानाध्यापक को जबरन रिटायरमेंट, बीएसए और नगर शिक्षा अधिकारी पर भी गिरेगी गाज

वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच नए सिरे से कराने और तत्कालीन बीएसए, नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, विधायक का कहना है कि जितनी गलती प्रधानाचार्य की थी, उतनी ही विभागीय अफसरों की भी...

Update: 2021-08-11 04:17 GMT

विद्यालय का निरीक्षण करते गोरखपुर नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल की फाइल फोटो

जनज्वार, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक प्राथमिक विद्यालय की छात्रा से बर्तन धुलवाने के आरोपों में घिरे प्रधानाध्यापक को शासन ने जबरन रिटायर कर दिया है। भाजपा के नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल के द्वारा तकरीबन नौ माह पूर्व की गई शिकायत पर लोक लेखा समिति ने यह निर्णय सुनाया है। साथ ही तत्कालीन बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाने की संभावना है।

गौरतलब है कि नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल ने करीब नौ महीने पहले शहर स्थित गोरखनाथ प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया था। तब विद्यालय में नामांकित 85 बच्चों में से 11 विद्यार्थी उपस्थित मिले थे। इस दौरान नगर विधायक ने देखा कि एक बच्ची से मिड डे मील के भोजन बनाने वाले बर्तन धुलवाए जा रहे हैं। यह देख विधायक ने घोर नाराजगी जताई थी। साथ ही इस संबंध में प्रधानाध्यापक अमान उल्लाह खान से पूछा तो वे कोई जवाब नहीं दे सके। निरीक्षण के समय यहां तैनात ज्यादातर शिक्षक भी नदारद थे।

इस मामले की शिकायत नगर विधायक ने तत्कालीन प्रमुख सचिव रेणुका कुमार से की थी। प्रमुख सचिव ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराई, जिसमें शिकायत की पुष्टि होने पर कार्रवाई भी हो गई। अब लोक लेखा समिति के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।

विधायक के मुताबिक गोरखनाथ प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अमान उल्लाह खान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। तत्कालीन बीएसए बीएन सिंह और नगर शिक्षाधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा को प्रतिकूल प्रविष्टि मिली है। नगर विधायक ने कहा कि बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर हमने आपत्ति भी दर्ज करा दी है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच नए सिरे से कराने और तत्कालीन बीएसए, नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। विधायक का कहना है कि जितनी गलती प्रधानाचार्य की थी, उतनी ही विभागीय अफसरों की भी। अगर नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता तो दिक्कत नहीं आने पाती। शिक्षक नियमित विद्यालय आते और बढिया पढाई हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानाचार्य की तरह की बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

इस सिलसिले में तत्कालीन प्रधानाचार्य, बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी से उनका पक्ष जानने का जनज्वार ने प्रयास किया,पर इन लोगों से संपर्क नहीं हो सका। लोक लेखा समिति की लखनऊ में हुई बैठक में नगर विधायक को प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई की जनकारी दी गई।

नगर विधायक ने करीब नौ महीने पहले प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ का निरीक्षण किया था। प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति, शिक्षकों के नदारद रहने और छात्रा से बर्तन धुलवाने के आरोपों से घिरे प्रधानाचार्य अमान उल्लाह खान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। साथ ही तत्कालीन बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके बाद नगर विधायक ने कहा कि इस मामले में बीएसए व नगर शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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