Nainital School girl commit Suicide : 9वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, परीक्षा में कम नंबर आने की वजह से थी परेशान

Nainital School girl commit Suicide : छात्रा रोज की तरह ही स्कूल से अपने घर लौटी इस दौरान माता-पिता घर में मौजूद नहीं थे वह स्कूल में ही थे, घर पहुँच कर किशोरी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया...

Update: 2022-07-26 08:22 GMT

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Nainital School girl commit Suicide : परीक्षाओं में आजकल कम नंबर लाना कितना बड़ा मुद्दा बन सकता है, इसे नैनीताल वाले मामले से समझा जा सकता है। यहां एक प्रतिष्ठित स्कूल की लड़की ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया, क्योंकि टेस्ट पेपर में उसका एक सवाल गलत हुआ था। मां बाप कहते हैं परीक्षाओं में नंबरों को लेकर हमेशा काफी चिंतित रहती थी और इस बार उसने विद्यालय के एक टेस्ट में कम नंबर आने पर आत्मघाती कदम उठा लिया।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिस लड़की ने आत्महत्या की वह घर की इकलौती बेटी थी। मगर असल सवाल यह है कि क्या वाकई लड़की कम नंबर आने को लेकर तनाव लेती थी, या फिर शिक्षक मां-बाप की बेटी होने के कारण उस पर नंबरों का अतिरिक्त भार रहता था, क्योंकि कहीं न कहीं यह मामला उसके मां पिता से जुड़ता होगा कि एक शिक्षक की औलाद नंबर कम कैसे ला सकती है। 

जानकारी के मुताबिक नैनीताल के एक प्रतिष्ठित Girls School में कक्षा नौवीं की छात्रा ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि परीक्षा में उसका एक प्रश्न गलत हुआ था। यह जानकारी पुलिस को शुरुआती छानबीन में मिली है।

पुलिस को परिजनों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि छात्रा परीक्षाओं में नंबर कम आने की वजह से अक्सर परेशान रहती थी। इस बार विद्यालय में एक टेस्ट हुआ, जिसमें उसका पेपर खराब हुआ, जिसके बाद छात्रा ने इतना बड़ा कदम उठा लिया। किशोरी अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। बेटी के इस आत्मघाती कदम से माता.पिता सदमे में हैं।

गौरतलब है कि 14 वर्षीय मृतक छात्रा के माता.पिता नैनीताल के ही विद्यालयों में शिक्षक.शिक्षिका हैं और वह मल्लीताल क्षेत्र के निवासी हैं। सोमवार 25 जुलाई को छात्रा रोज की तरह ही स्कूल से अपने घर लौटी, इस दौरान माता.पिता घर में मौजूद नहीं थे वह स्कूल में ही थे। घर पहुँचकर किशोरी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। घर में रह रहे अन्य रिश्तेदारों ने जब किशोरी को खाना देने के लिए दरवाजा खटखटाया तो वो अंदर से बंद था। माता.पिता को संपर्क करने से पहले रिश्तेदारों ने दरवाजा खुलवाने का बहुत प्रयास किया परन्तु जब किशोरी ने प्रयत्नों के बाद भी दरवाजा नहीं खोला तो उन्होंने छात्रा के परिजरों को इसकी सूचना दी।

बेटी के कमरे में बंद होने की जानकारी मिलने पर पिता वहां पहुंच गए और उन्होंने भी काफी आवाजें लगाई, परन्तु कमरे से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद दरवाजा तोडना पड़ा। दरवाजा तोड़कर जब पिता कमरे में घुसे तो किशोरी नायलॉन की रस्सी के फंदे से लटकी हुई मिली। परिजन उसे तुरंत पास के अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। किशोरी की मौत से परिजन सदमे में हैं।

पुलिस के मुताबिक नाबालिग लड़की ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की है। अभी तक की जांच में पता चला है कि मृतक छात्रा कुछ दिन पहले एग्जाम देकर आई थी और उसने अपने मां और पिता को फोन करके बताया था कि उसका एक पेपर गलत हो गया हैण् जिस पर परिजनों द्वारा उसे समझाया भी गया थाए लेकिन ना जाने उसके दिमाग में क्या आया और उसने फांसी लगा ली। लड़की की लाश का पंचानामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है, आगे जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इन दिनों दसवीं और बारहवीं के परीक्षाओं का परिणाम आया है। सोशल मीडिया पर तमाम लोग अपने बच्चों के अंकपत्र शेयर कर रहे हैं कि मेरे बच्चे के इतने नंबर आये। आज लगता है बोर्ड पेपर बस नंबरों की होड़ बनकर रह गये हैं, इनमें उन बच्चों का क्या जिनके औसत नंबर आये होंगे, जाहिर है इस अंधी दौड़ में वो मां बाप बच्चों को कोसते होंगे कि फलां के इतने नंबर आये और तुमने हमारी नाक कटवा दी। अगर ये सच न होता तो कम नंबर आने के दबाव में एक बच्ची असमय अपने जीवन को समाप्त नहीं करलेती। लड़की ने जाहिर तौर पर नंबरों के दबाव में आत्महत्या कर ली, मगर जांच का विषय यह होना चाहिए कि प्रतिष्ठित स्कूल की तरफ से उस पर नंबरों का दबाव पड़ रहा था या फिर मां-बाप की तरफ से। 

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