NCERT ने 12वीं के सिलेबस से हटाया गुजरात दंगों से जुड़ा अध्याय, इस फैसले के पीछे दिया ये तर्क

NCERT : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 12वीं की पुस्तकों पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों से जुड़ा अध्याय हटा दिया है, इसके लिए एनसीआरटी ने कई तर्क दिए हैं, जिसमे कोरोना महामारी भी एक तर्ज के रूप में शामिल है...

Update: 2022-06-18 11:40 GMT

NCERT ने 12वीं के सिलेबस से हटाया गुजरात दंगों से जुड़ा अध्याय, इस फैसले के पीछे दिया ये तर्क

NCERT : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 12वीं की पुस्तकों पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों से जुड़ा अध्याय हटा दिया है। इसके लिए एनसीआरटी ने कई तर्क दिए हैं, जिसमे कोरोना महामारी भी एक तर्ज के रूप में शामिल है। दंगों के साथ साथ के रूप में शामिल है। दंगों के साथ-साथ आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन और मुगल दरबार की जानकारी देने वाली सामग्री को हटाने का फैसला किया है।

क्या था गुजरात दंगों से जुड़े पाठ में

बता दें कि एनसीईआरटी की ओर से जारी एक नोट के अनुसार गुजरात दंगों पर आधारित पेज संख्या 187-189 को किताब से हटा दिया गया है। इस पाठ में लिखा था कि 'गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है। यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए खतरा पैदा करता है।'

बता दें कि इस पाठ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस बयान को भी शामिल किया गया था, जिसमें उन्होंने तब के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राज धर्म का पालन करने की सलाह दी थी।

इस फैसले के पीछे दिया ये तर्क

बात दें कि एनसीईआरटी ने अपने नोट में कहा कि ये विषय अन्य सिलेबस में भी शामिल हैं, जिससे यह पाठ ओवरलैप हो रहा था। जो अप्रासंगिक है। साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी इसी पर जोर देती है। इसलिए एनसीईआरटी ने सभी किताबों को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है।

पाठ्यक्रम से क्या क्या हटाया गया है

इसके साथ ही इन दंगों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजधर्म संबंधी टिप्पणी को भी हटाने का फैसला हुआ है। 12वीं की ही इतिहास की किताब से मुगल दरबार को हटाया गया है। राजनीति विज्ञान की पुस्तक से दलित आंदोलन पर आधारित कविता और शीत युद्ध से जुड़ी सामग्री भी हटाई जा रही है।

बता दें कि दसवीं कक्षा की पुस्तकों में से धर्म से संप्रदायवाद ओर राजनीति से कवि फैज अहमद फैज की कविता ओर लोकतांत्रिक राजनीति किताब से संप्रदायकवाद, धर्म निरपेक्ष राजे वाले अंशो को हटाया जा रहा है। वहीं, लोकतंत्र और विविधता, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन और लोकतंत्र की चुनौतियां जैसे पाठ भी पाठ्यक्रम का हिस्सा नही रहेंगे।

बता दें कि इसी तरह से सातवीं ओर आठवीं कक्षा की समाज विज्ञान की किताब से दलित लेखक ओम प्रकाश के अंश को हटाया जा रहा है। सातवीं कक्षा की पुस्तक हमारा इतिहास-2 से सम्राटों के प्रमुख अभियान ओर घटनाएं जैसे पाठ हटाए गए हैं।

साल के शुरुआत में की गई थी बदलावों की घोषणा

इनमें से कई बदलावों की घोषणा इस साल के शुरुआत में कई गयी थी। जब सीबीएसई ने अप्रैल में अपने पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाया था। बता दें कि सीबीएसई के अलावा कुछ राज्य भी एनसीईआरटी पुस्तकों का इस्तेमाल करते हैं। बारहवीं की राजनीति विज्ञान की किताब में भारतीय राजनीति के नवीनतम घटनाक्रम अध्याय के तहत वर्ष 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ी सामग्री को हटाया जाएगा।

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