स्कूलों में जीरो सत्र घोषित करने के लिए अभिभावकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए, इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है, दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें...

Update: 2020-07-31 01:30 GMT

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नई दिल्ली। देशभर के अधिकांश अभिभावक वर्ष 2020 के मौजूदा शैक्षणिक सत्र को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। मौजूदा स्कूल शैक्षणिक सत्र को जीरो सत्र घोषित करने कि मांग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष रखी गई है। देशभर के अभिभावकों की ओर से इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी भेजा गया है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा स्कूल खोलने को लेकर मांगे गए सुझाव में यह बात उभरकर सामने आई है। अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए। इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, 'हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।'

अशोक अग्रवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को हमने ऐसे ही पत्र लिखे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकार से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को जीरो एकेडमिक ईयर घोषित घोषित किया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। इसके साथ ही अगले वर्ष का पाठ्यक्रम इस तरह से मॉडिफाई किया जाए कि छात्र उसे समझ सके और अपनी पढ़ाई कर सके।'

अभिभावक संघ ने कहा, 'हम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण के इस माहौल में हम किसी भी कीमत पर अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेंजगे। संघ ने दिल्ली सरकार को भी अपने इस निर्णय से अवगत कराया है।' 

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