यूपी के बलिया का चंद्रशेखर विश्वविद्यालय डूबा पानी में, कुलपति हों या कर्मचारी नाव से कर रहे आवाजाही
हाल ही में विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह हुआ था, इसमें उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी पहुंचे थे, इस दौरान उपमुख्यमंत्री कुलपति और जिला प्रशासन को मिलकर जल निकासी का विकल्प तलाशने और प्रस्ताव बनाने को कहा था.....
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की हालत एक बार फिर दो वर्ष पहले वाले हो गए हैं। दरअसल जलजमाव के चलते विश्वविद्यालय परिसर में जल जमाव की समस्या खड़ी हो गयी है। विश्वविद्यालय परिसर में चौतरफा पानी ही पानी नजर आ रहा है। वहीं दूसरी विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवाजाही का संकट खड़ा हो गया है। इन अधिकारियों कर्मचारियों को नाव से ही आना-जाना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में नाव चल रही हैं।
बता दें कि प्रदेश के राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक जल जमाव से निजात दिलाने के के कई वादे और दावे कर चुके हैं लेकिन परिसर में चल रही नावों का नजारा बता रहा है कि बीते दो वर्षों में इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला जा सका।
हाल ही में विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह हुआ था। इसमें उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी पहुंचे थे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री कुलपति और जिला प्रशासन को मिलकर जल निकासी का विकल्प तलाशने और प्रस्ताव बनाने को कहा था। लेकिन इस दिशा में कुलपति और जिला प्रशासन ने क्या कदम उठाए, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अब हालत यह है कि विश्वविद्यालय के कुलपति हों या विभिन्न महाविद्यालयों के प्रबंधक या फिर कर्मचारी, सभी को नाव के जरिए कार्यालय पहुंचना पड़ रहा है।
विश्वविद्यालय में राज्यपाल से लेकर उपमुख्यमंत्री व तमाम दिग्गज नेताओं के दौरे होते रहते हैं। सभी हर बार जलजमाव की समस्या का हल निकालने का भरोसा देकर चले जाते हैं। इसको लेकर तमाम दिशा निर्देश भी जारी हुए थे। तब लग रहा था कि इस समस्या को कोई ठोस समाधान अब तो निकल ही जाएगा। लेकिन ये सब कागजों व भाषणों में ही चलता रहा।
पूर्व जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने विश्वविद्यालय परिसर को जल जमाव से मुक्ति दिलाने की दिशा में कुछ कदम उठाए थे लेकिन उनके जाने के बाद से स्थिति जस की तस हो गयी। विश्वविद्यालय में जाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों सभी को रोज खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वहीं परिसर में जल जमाव होने के बाद जहरीले सांप आदि भी पानी में घूमते या झाड़ियों में फंसे दिख रहे हैं।
इससे पहले भी जब जल जमाव हुआ था तब विश्वविद्यालय परिसर में रखे सामानों, फर्नीजरों आदि का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। विश्वविद्यालय का सभागार भी क्षतिग्रस्त हो गया था। अब फिर जलजमाव की समस्या सामने खड़ी हो गयी है।
हालांकि कुलपति विश्वविद्यालय परिसर में बने बीएसएनएल के गेस्ट हाउस में रह रही हैं। गेस्ट हाउस ऊंची जगह पर होने के कारण पानी वहां नहीं चढ़ा है लेकिन उनका भी कार्यालय आना जाना मुश्किल हो गया है। इसलिए वह अपने कार्यालय का काम ज्यादातर समय अपने आवास से ही कर रही हैं।