एग्जिट पोल पर BJP को नहीं भरोसा, हार की निराशा से ग्रसित होकर चल रही है EVM का दांव, माले ने लगाया आरोप
वाराणसी में ईवीएम पकड़े जाने पर पहले तो प्रशासन द्वारा विपक्षी दलों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया, मगर जब बवाल बढ़ा तो आला अधिकारियों को स्वीकार करना पड़ा कि ईवीएम के मूवमेंट में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है...
Exit poll controversy। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने वाराणसी, सोनभद्र व अन्य जिलों में संदिग्ध ईवीएम पकड़े जाने पर कहा है कि भाजपा और योगी सरकार के इशारे पर मतगणना से पूर्व चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की साजिश की जा रही है। पार्टी ने कई जिलों से ईवीएम संबंधी आ रही इसी तरह की सूचनाओं से चुनाव की निष्पक्षता व विश्वसनीयता पर उठे सवालों को देखते हुए आयोग से उचित कदम उठाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मतगणना की पूर्व संध्या पर कहा कि सत्ताधारी भाजपा बहाने बनाने में माहिर है और वह ईवीएम में खेल कर सकती है। वाराणसी में ईवीएम पकड़े जाने पर पहले तो प्रशासन द्वारा विपक्षी दलों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया, मगर जब बवाल बढ़ा तो आला अधिकारियों को स्वीकार करना पड़ा कि ईवीएम के मूवमेंट में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। इसके पहले प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी वाराणसी डीएम की रिपोर्ट को जस-का-तस जारी कर दिया, लेकिन जब खामी सामने आई तो प्रशासन को बैकफुट पर जाना पड़ा है।
माले नेता ने कहा कि चैनलों के एग्जिट पोल पर भाजपा को खुद भरोसा नहीं है और वह हार की निराशा से ग्रसित होकर ईवीएम का दांव चल रही है। कुर्सी पर काबिज रहने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है। बरेली में कूड़े से ताजे बैलट पेपर बरामद हुए हैं, जबकि मतगणना बाकी है। इसके पहले लखनऊ में भी ईवीएम स्ट्रांग रूम के परिसर में एक आरओ की गाड़ी टूलबॉक्स के साथ पकड़ी गई थी। ऐसे में मतगणना में व्यापक धांधली की आशंकाएं निर्मूल नहीं हैं। आयोग इन आशंकाओं को दूर करे और लोकतंत्र की रक्षा करे।