'उत्तराखंड वन और पुलिस प्रशासन द्वारा पूछड़ी के 151 परिवारों को बेदखली के लिए 20 अक्टूबर की समयसीमा देना गैरकानूनी'

भारतीय वन अधिनियम 1927 यथा उत्तरांचल संशोधन 2001 में बेदखली आदेश के बाद कार्यवाही के लिए 10 दिन की सीमा निर्धारित की गई है। वन प्रशासन द्वारा प्रतिवादी ग्रामीणों को आदेशों की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी...

Update: 2024-10-19 15:06 GMT

file photo

Ramnagar news : संयुक्त संघर्ष समिति ने वन व पुलिस-प्रशासन द्वारा उत्तराखण्ड स्थित रामनगर के ग्राम पूछड़ी के लगभग 151 परिवारों को बेदखली के लिए 20 अक्टूबर की समयसीमा को गैरकानूनी बताया है।

संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि भारतीय वन अधिनियम 1927 यथा उत्तरांचल संशोधन 2001 में बेदखली आदेश के बाद कार्यवाही के लिए 10 दिन की सीमा निर्धारित की गई है। वन प्रशासन द्वारा प्रतिवादी ग्रामीणों को आदेशों की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी।

Full View

संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 14 अक्टूबर को जिला प्रशासन से व वन संरक्षक पश्चिमी वृत हल्द्वानी, एसडीएम रामनगर से बेदखली आदेशों की प्रति प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराए जाने व अपील के अधिकार की सुरक्षा की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था, जिसके बाद 15 अक्टूबर के बाद से वन प्रशासन द्वारा घर-घर जाकर सभी को बेदखली के आदेश दिए गए हैं।

भारतीय वन अधिनियम 1927 यथा संशोधन उत्तरांचल 2001 सभी प्रतिवादियों को अपील का अधिकार देता है। 15 अक्टूबर के बाद आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद दर्जनों ग्रामीणों ने वन संरक्षक कार्यालय हल्द्वानी में अपीलें में दाखिल की हैं तथा शेष ग्रामीण भी अपनी अपीलें लगा रहे हैं, अतः समिति की मांग है कि 20 अक्टूबर के बाद की जाने वाली बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।

समिति ने पूछड़ी समेत सभी वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की है।

Tags:    

Similar News