'योगी जी आप तो MP-MLA हैं, डीएम के मुताबिक कर सकते हैं आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण की योजना रद्द' : खिरियाबाग के आंदोलनकारी

जिलाधिकारी ने जब कह दिया है कि सांसद-विधायक परियोजना रदद् करवा सकते हैं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई पट्टी विस्तारीकरण की परियोजना रदद् करवाएं, अब तक सदमेम में 22 किसान-मजदूरों की जमीन जाने के सदमे में जा चुकी है जान...

Update: 2023-02-13 12:41 GMT

Azamgarh Airport News: किसानों के धरने के अट्ठारहवें दिन पहुंची अरुंधति धुरू और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ संदीप पाण्डेय

खिरियाबाग। 124 दिन से खिरिया बाग में धरनारत किसानों-मजदूरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा है। आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार की परियोजना रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और मुख्यमंत्री से कहा कि जिलाधिकारी ने कहा है कि आप विधायक या सांसद नहीं जो आपके कहने पर परियोजना रदद् कर दी जाए, ऐसे में योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और वो परियोजना रदद् करवा सकते हैं इसलिए किसानों-मजदूरों के हित में विस्तारीकरण की परियोजना रदद् की जाए।

धरनारत ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन ने यह कह दिया है कि किसान जमीन नहीं देना चाहते तो अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की परियोजना स्थगित की जाती है। जब किसान-मजदूर जमीन-मकान नहीं देना चाहते तो मुख्यमंत्री को परियोजना रदद् करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। प्रशासन से 6 राउंड की वार्ता में अब प्रशासन ने असमर्थता जता दी है कि परियोजना रदद् करने का अधिकार उनके पास नहीं है। ऐसे में ग्रामीण मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग और समस्या रखना चाहते हैं, जिससे इस गंभीर समस्या जिसने जीना मुश्किल कर दिया है से निजात मिल सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में किसानों ने मांग की है कि पिछले चार माह से खिरिया बाग, जमुआ हरिराम में विभिन्न गांवों के ग्रामवासी आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार की परियोजना रद्द करने की प्रमुख मांग को लेकर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर ग्रामवासियों ने समय-समय पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। आजमगढ़ जिला प्रशासन से 6 राउंड की वार्ता के बाद प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं, इसलिए अभी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण नहीं होगा। 2 फरवरी 2023 को वार्ता में जिलाधिकारी से कहा गया कि आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार की परियोजना रद्द की जाए, क्योंकि किसान-मजदूर जमीन-मकान नहीं देना चाहते हैं तब उन्होंने कहा की आप सांसद या विधायक नहीं है जिनके कहने पर परियोजना रद्द की जा सकती है।

आंदोलनकारी किसान कहते हैं, 12-13 अक्टूबर 2022 के दिन और रात में सर्वे के नाम पर महिलाओं बुजुर्गों का उत्पीड़न किया गया। बिना किसी सूचना या संवाद के आए राजस्वकर्मी और पुलिस बल अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए सर्वे करने लगे तो ग्रामीणों ने कहा कि जब जमीन नहीं देना चाहते तब सर्वे का क्या औचित्य। 30 दिसंबर 2022 को जिलाधिकारी से हुई वार्ता में उन्होंने जबरन सर्वे को सही ठहराने की कोशिश की।

भूमि अधिग्रहण कानून के सर्वे के नियमों ग्राम प्रतिनिधि की नियुक्ति, फिजिकल सर्वे, सर्वे रिपोर्ट को प्रकिशित करना, जनसुनवाई करना इन सब नियमों को धता बताते हुए जिलाधिकारी ने कहा की ड्रोन और खतौनी के माध्यम से सर्वे किया गया। अगर सर्वे ड्रोन और खतौनी के माध्यम से हो सकता था तो गांव में पीएससी और भारी पुलिस बल द्वारा जबरन सर्वे क्यों करने की कोशिश की गई।

जिला प्रशासन द्वारा 670 एकड़ भूमि की झूठी सर्वे रिपोर्ट बनाई गई, जिससे जमीन मकान जाने के सदमे से 22 से अधिक किसानों-मजदूरों की जान जा चुकी है। जिलाधिकारी द्वारा और सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह बताया गया है कि जनपद आजमगढ़ हवाई पट्टी के विस्तार हेतु प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है, जो प्रकरण शासन में विचाराधीन है उसको लेकर एसडीएम सगड़ी, लेखपाल, कानूनगो द्वारा मंदूरी स्थित हवाई अड्डे में ग्रामीणों से किसी सहमत पत्र के नाम के कागज पर दस्तखत करवाई गई, इसका ग्रामीणों ने विरोध किया। 24 जनवरी को खिरिया बाग धरनास्थल पर आए जिलाधिकारी आजमगढ़ से जब शिकायत की गई कि गैरकानूनी तरीके से सहमति पत्र के नाम पर दस्तखत करवाये जा रहे हैं, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि अब ऐसा नहीं होगा।

ग्रामीणों से वार्ता में जब जिलाधिकारी ने कहा कि धरना समाप्त कर दीजिए तो ग्रामीणों ने लिखित में शासनादेश दें कि आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार की परियोजना रद्द किया जाता है। जिलाधिकारी ने कहा जब आज तक कुछ लिखित में नहीं हुआ तब कैसे लिखित में दिया जा सकता है। इससे प्रतीत होता है कि आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार की परियोजना की पूरी कवायद जनता को अंधेरे में रखकर की जा रही है, जबकि भूमि अधिग्रहण कानून पारदर्शिता की बात करता है।

धरने को बिंदु यादव, नरोत्तम यादव, कलावती, प्रेम चन्द्र, राम कुमार यादव, दुखहरन राम, राम नयन यादव, राजीव यादव, ओम प्रकाश राय, राम राज, राम चन्द्र यादव, नन्दलाल यादव, नीलम, फूलमति, कालिंदी, शारदा यादव, तारा, शकुंतला, लीलावती यादव, गेना यादव, मेवाती देवी, धनपत्ति देवी, रीता, सुमिरन निषाद ने संबोधित किया। धरने की अध्यक्षता ललई यादव और संचालन राधेश्याम राव ने की।

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