कर्ज के बोझ से दबी मिनीरत्न कंपनी बीसीसीएल अपने कर्मियों-अधिकारियों का बंद करेगी एचआरए

देश की अमूल्य संपत्ति मानी जाने वाली नवरत्न व मिनी रत्न कंपनियां भी एक के बाद एक बदहाली की राह पर चल पड़ी हैं...

Update: 2020-07-14 10:59 GMT

 जनज्वार। झारखंड के धनबाद कोयलांचल में बीसीसीएल के 10565 कर्मियों और 786 अधिकारियों का एचआरए यानी हाउस रेंट एलाउंस बंद किया जाएगा। इसके संबंध में बीसीसीएल के निदेशक कार्मिक ने तकनीकी सचिव महाप्रबंधक कार्मिक एसके सिंह के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के अनुसार, एरिया प्रबंधन को वैसे कर्मचारियो को चिह्नित करना है जो कंपनी आवास में रहते हुए एचआरए ले रहे हैं। ऐसे कर्मियों का एचआरए तुरंत बंद करने को कहा गया है।

साथ ही उन कर्मियों का भी एचआरए बंद करने कहा गया है जो कंपनी के आवास में नहीं रहते और कंपनी का आवास लेने से इनकार करते हैं। प्रभात खबर अखबार की खबर के अनुसार, ऐसे कर्मियों का एचआरए बंद कर उन्हें आवास आवंटित किया जाएगा। इस संबंध में 31 अगस्त तक एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया गया है।

बीसीसीएल एक मिनी रत्न कंपनी है जिसकी आर्थिक सेहत बिगड़ चुकी है और इसमें करीब 38577 कर्मचारी है, जिनमें 10565 कर्मचारी एचआरए ले रहे हैं। इस पर बीसीसीएल को करीब एक करोड़ 19 लाख रुपये हर महीने खर्च करना होता है. लोदना, गोविंदपुर, बस्ताकोला, सीबी एरिया में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा अधिक संख्या में एचआरए लिया जाता है। यहां एचआरए लेने वाले कर्मियों की संख्या एक हजार से ज्यादा है।

बीसीसएल कर्ज लेकर अपने कर्मचारियों को वेतन दे रही है। उस पर वर्तमान में एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। बीसीसीएल की स्थिति में सुधार लाने के लिए कंपनी प्रबंधन कास्ट कटिंग कर रहा है। एचआरए बंद करना इसी दिशा में उठाया गया कदम है।

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