झारखंड के निर्दाेष आदिवासी युवक को CRPF ने पकड़ कर उग्रवादी बता मार दी थी गोली : CID जांच रिपोर्ट

रोशन होरो जब नगाड़ा बनवाने बाइक से जा रहे थे तभी सीआरपीएफ ने उन्हें नक्सली बताते हुए गोली मार दी, इस मामले में पुलिस ने पहले परिजनों से माफी मांगी थी...

Update: 2020-12-02 04:29 GMT

पिछले 5 सालों में पुलिस एनकाउंटर के मामले पर गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

जनज्वार। झारखंड के खूंटी जिले में एक निर्दाेष आदिवासी युवक रोशन होरो को सीआरपीएफ ने पकड़ कर उग्रवादी बताते हुए गोली मार दी थी। यह घटना रांची से सटे खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड क्षेत्र में 20 मार्च को घटित हुई थी। इस मामले का खुलासा सीआइडी एडीजी द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट की समीक्षा के बाद हुआ है। उक्त युवक को पीछे से गोली मारी गई है। मामले के विभिन्न बिंदुओं पर अभी जांच जारी है।

इससे पहले यह जानकारी सामने आयी थी कि खूंटी पुलिस के साथ मिलकर सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान चलाया था जिसमें उसे रुकने को कहा गया लेकिन नहीं रुकने पर फायरिंग की गई। वहीं, सीआइडी की जांच में इसके विपरीत केस दर्ज किया गया था। पूर्व में रौशन होरो की मौत पर पुलिस ने भी माना था कि सुरक्षा कर्मियों से गलती हुई है और पुलिस ने मानवीय आधार पर युवक के परिजनों से माफी मांगी थी।



घटना के बाद कुम्हारडीह गांव के रहने वाले 36 वर्षीय रौशन होरो की मां जोसफिना होरो ने कहा था कि उनका बेटा अपनी बाइक से नगाड़ा बनवाने के लिए पास के गांव साड़ीगांव के लिए निकला था, उसी दौरान रास्ते में सीआरपीएफ ने उसे गोली मार दी।

इस घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, मेडिकल बोर्ड में पोस्टमार्टम किया गया था और बाद में मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इस केस को सीआइडी ने अपने हाथ में ले लिया।

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कार्यालय में 24 जून 2020 को रोशन होरो के परिवार जनों से मुलाकात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि परिवार का सरकार सहयोग करेगी और उन्हें न्याय मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिजन को प्रखंड कार्यालय में नौकरी देने का निर्देश दिया था।

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