कृषि बिलों पर हेमंत सोरेन ने दी चेतावनी, बोले- संघीय ढांचे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार

झारखंड में किसान भारत बंद के लगभग बेअसर रहने के बाद देर शाम स्वयं मुख्यमंत्री सोरेन ने मोर्चा संभाला और मीडिया से कहा कि कृषि विधेयकों में किसानों के हित की बात का कोई अता-पता नहीं है। विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि यह देश के संघीय ढांचे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार है।

Update: 2020-09-26 06:57 GMT

जनज्वार। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल में संसद से पारित कृषि विधेयकों को देश के संघीय ढांचे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार बताया और कहा कि केंद्र की मनमानी ऐसे ही चलती रही तो राज्य में क्रांति होगी और लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

झारखंड में किसान भारत बंद के लगभग बेअसर रहने के बाद देर शाम स्वयं मुख्यमंत्री सोरेन ने मोर्चा संभाला और मीडिया से कहा कि कृषि विधेयकों में किसानों के हित की बात का कोई अता-पता नहीं है। विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि यह देश के संघीय ढांचे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार है।

उन्होंने कहा कि अगर कानून बनाया भी, तो उसे लागू करना राज्यों पर छोड़ना चाहिए था, ताकि विधेयक के गुण-दोष की विवेचना कर राज्य उसे लागू करने के लिए स्वतंत्र होते लेकिन, केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए उसे राज्यों पर थोप रही है। मुख्यमंत्री ने इसे केंद्र की मनमानी बताते हुए चेतावनी दी कि यदि मनमानी ऐसे ही चलती रही तो राज्य में उलगुलान (क्रांति) होगा और लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

किसानों ने किया विरोध

इससे पूर्व झारखंड में आज राजधानी रांची, जमशेदपुर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, देवघर, बोकारो, हजारीबाग, गोड्डा, साहिबगंज आदि सभी स्थानों से किसान भारत बंद के निष्प्रभावी रहने की सूचना मिली।

कुछ स्थानों पर छोटे प्रदर्शन आयोजित हुए जबकि अनेक अन्य स्थानों पर सिर्फ वामपंथी दलों तथा कांग्रेस ने धरना दिया। बंद के कारण सरकारी कार्यालय नहीं बंद हुए तथा आम तौर पर बाजार भी खुले हुए थे।

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