रांची की 19 नाबालिग लड़कियों से सूरत में कराया जा रहा था झींगा मछली पैकिंग का काम, कराया गया मुक्त
लड़कियों का परिवार कोरोना संकट की वजह से आर्थिक संकट से गुजर रहा है, ऐसे में उन्हें सिलाई का काम दिलाने की बात कह कर सूरत ले जाया गया और वहां जबरन झींगा मछली पैकिंग का काम कराया जाने लगा...
जनज्वार। रांची पुलिस की सक्रियता से झारखंड के रांची जिले की 20 लड़कियों को गुजरात के सूरत से मुक्त कराया गया है। ये लड़कियां ऐसे परिवारों की हैं, जो कोरोना संकट के दौर में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में रांची जिले के ही सिकिदरी की रंहने वाली मंजू कुमारी ने इन्हें व इनके परिवार को गुजरात में सिलाई-कढाई का काम दिलाने का भरोसा दिलाया और फिर वहां ले जाकर इनसे झींगा मछली की पैकिंग का काम कराया जाने लगा।
रांची पुलिस ने सूरत जाकर लड़कियों को सुरक्षित बरामद कर लिया है, वहीं मंजू कुमारी को इनका ट्रैफिकिंग कराने के अपराध में गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह कार्रवाई एक लड़की के पिता की शिकायत पर की।
रांची जिले के अनगड़ा प्रखंड के लेपसरा बुढाकेचा गांव के भजन बेदिया ने थाने में यह लिखित शिकायत दी कि 29 लड़कियों को बहला-फुसलाकर सूरत ले जाया गया है और उनसे वहां झींगा मछली पैकिंग का काम कराया जा रहा है। इस मामले में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता ब्रजेश मिश्रा ने भी सक्रियता दिखायी और अपने स्रोतों से आवश्यक जानकारियां जुटा कर पुलिस से उसे साझा किया।
इसके बाद रांची पुलिस ने अनगड़ा के थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय रेस्क्यू टीम गठित किया और उसे गुजरात भेजा गया। पुलिस ने इस रेस्क्यू टीम में तीन महिला पुलिस कर्मियों को भी रखा।
ये लड़कियां सूरत के पलसाना में मंडोला फुड एलएलपी कंपनी में झिंगा मछली पैकिंग का काम कर रही थीं। रांची पुलिस ने इस मामले में पलसाना पुलिस से संपर्क किया। उसके बाद पांच सितंबर को रेस्क्यू टीम गुजरात रवाना हुई और 11 सितंबर की देर रात उन्हें सुरक्षित रांची लेकर आयी। वहीं, इनकी तस्करी की आरोपी मंजू कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में पुलिस और साक्ष्य जुटा रही है।
वहीं, 19 नाबालिग लड़कियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के निर्देश पर बीजूपाड़ा स्थित किशोरी निकेतन में रखा गया है। एक बालिग लड़की को परिवारवालों को सौंप दिया गया है। लड़कियों की काउसेलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और उसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंपा जाएगा।