किसानों के भारत बंद के बीच झारखंड में भाजपा ने धान खरीद के मुद्दे पर झामुमो-कांग्रेस सरकार को घेरा
हाल के दिनों में झारखंड में धान खरीद के मुद्दे पर विपक्ष व सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किसानों के भारत बंद को समर्थन दिए जाने के बाद भाजपा ने नए सिरे से एमएसपी से आधी कीमत पर धान खरीद का मुद्दा उठाया है...
जनज्वार। किसानों के भारत बंद को झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार द्वारा समर्थन दिए जाने के बाद भाजपा ने धान खरीद के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा है कि बिचैलियों के हाथ किसान धान बेच रहे हैं और इसमें राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और वित्त व खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव की भूमिका किसान विरोध और बिचैलियों के हक में कैसे है इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिख कर अवगत कराया है।
भानु प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा है कि राज्य में धान की खरीद नहीं होने से किसानों को परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने कहा है कि व्यवस्था खामियों की वजह से अभी भी धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है, जबकि सरकार ने कहा था कि 15 नवंबर से ही धान की खरीद शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि सरकार ने धान खरीद पर अग्रिम भुगतान का भी आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में भानु प्रताप शाही ने कहा है कि चुनाव के समय कांग्रेस ने 25 रुपये किलो की दर से धान खरीदने का वादा किया था। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 25 प्रतिशत धान राशि का अग्रिम भुगतान का भी वादा किया था। उन्होंने कहा है कि राज्य में किसान या तो चुप बैठें हैं या बिचैलियों का हाथ पकड़ लिया है और दोनों परिस्थिति में उनको नुकसान हो रहा है।
शाही ने कहा है कि अभी 24 में 23 जिलों में धान खरीद शुरू नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि हाल में मंत्री ने कहा कि गिली धान की खरीद नहीं होगी। इससे भ्रम की स्थिति बन गई है और किसान सरकारी धान खरीद केंद्रों पर जाने से बच रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी जिलों में धान क्रय शुरू की जाए।
झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी धान खरीद को लेकर हेमंत सरकार पर सवाल उठाया है। प्रतुल ने ट्वीट कर कहा है कि राज्य सरकार किसानों को ठग रही है और घड़ियाली आंसू बहा रही है। सरकार द्वारा धान की खरीद नहीं शुरू करने पर मजबूरन किसान दूसरे राज्यों में बिचैलियों के माध्यम से एक हजारे से 12 रुपये की दर पर धान बेच रहे हैं, जबकि सरकार ने इसकी कीमत 2050 क्विंटल तय की है।