हेमंत सोरेन ने खुद का ओएसडी रह चुके अधिकारी के खिलाफ दिया निगरानी जांच का आदेश

हेमंत सोरेन के ओएसडी का पद हाल में गोपाल जी तिवारी ने छोड़ा है। तिवारी व उनके बेटे पर गुरुग्राम, रांची सहित कई जगह गलत कमाई से संपत्ति खरीदने का आरोप है।

Update: 2020-07-28 03:25 GMT

जनज्वार। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ही ओएसडी रह चुके राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ निगरानी जांच की अनुशंसा कर दी है। राज्य में यह पहला मामला है जब किसी सीटिंग मुख्यमंत्री ने अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ओएसडी रह चुके अधिकारी के खिलाफ ऐसा कदम उठाया हो। सीएम के निवर्तमान ओएसडी गोपाल जी तिवारी पर अपने पद का दुरुपयोग कर पैसे कमाने व 21.55 करोड़ रुपये निवेश करने का आरोप है।

प्रभात खबर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों वकील राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री से मिल कर गोपाल जी तिवारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग व वित्तीय अनियमितता करने की शिकायत की थी। राजीव कुमार ने इस संबंध में दस्तावेज भी मुख्यमंत्री को सौंपा था। राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक एक कंपनी बनायी गई है जिसमें राजीव कुमार का बेटा एक पार्टनर है। राजीव कुमार पीआइएल दायर कर जनहित के मुद्दे उठाने व कई घोटालों की जांच करवाने में भूमिका निभाते रहे हैं।

गोपाल जी तिवारी इस समय पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थापित हैं। मुख्यमंत्री सोरेन को दिए गए शिकायत पत्र में कहा गया है कि कपंनी के पार्टनर निलभ के पिता के रूप में जी तिवारी नाम दर्ज है और यह जी तिवारी ही गोपाल जी तिवारी हैं। जी तिवारी व गोपाल जी तिवारी दोनों का पता एक ही है। जानबूझ कर इसमें मामले को छिपाने के लिए उनका पूरा नाम नहीं दिया गया है। इस कंपनी का आफिस रांची के अशोक नगर के रोड नंबर चार में है।

राजीव कुमार ने सीएम को उस कंपनी के दूसरे पार्टनर का भी नाम बताया था। इस कंपनी ने 9.05 करोड़ की लागत से 136 डिसमिल जमीन खरीदी। गोपाल जी तिवारी ने 12.5 करोड़ रुपये मूल्य का एक फ्लैट खरीदा है। इसके अलावा शोभा इंटरनेशनल सिटी में फ्लैट नंबर बी - 4 उनके बेटे के नाम खरीदी गई है।

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