फिर बदलेगी झारखंड की स्थानीय नीति, हेमंत सोरेन बनाएंगे तीन सदस्यीय कमेटी

झारखंड में स्थानीयता का सवाल हमेशा बेहद नाजुक व संवेदनशील मुद्दा रहा है। अब झामुमो-कांग्रेस सरकार भाजपा सरकार द्वारा लागू चार साल पुरानी स्थानीय नीति बदलने वाली है...

Update: 2020-08-14 05:13 GMT

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात की तसवीर।

जनज्वार, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड की स्थानीय बदली जाएगी। उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि पूर्व में जो स्थानीय परिभाषित की गई है, उस पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति में क्या बदलाव हो सकता है कि इसकी समीक्षा की जा रही है।

मालूम हो कि इससे पहले पिछली रघुवर दास सरकार ने झारखंड में नई स्थानीय नीति परिभाषित की थी और इसे लागू किया था। आदिवासी बहुल इस राज्य में स्थानीयता का मुद्दा हमेशा से एक बेहद संवेदनशील मुद्दा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पहलुओं को समझ कर ही इसमें बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले में मंत्रियों की तीन सदस्यीय एक समिति का गठन करेंगे। इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाएगा। मंत्रियों का नाम खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही तय करेंगे।

मुख्यमंत्री द्वारा गठित कमेटी वर्तमान स्थानीय नीति की समीक्षा करेगी और उसमें नए बदलावों को लागू करने पर अपनी अनुशंसा करेगी जिस पर सरकार विचार विमर्श के बाद आखिरी निर्णय लेगी।

तकनीकी पहलुओं पर विचार के लिए सरकार कार्मिक विभाग के अधिकारियों की अलग से एक कमेटी बनाएगी। यह कमेटी भी मौजूदा स्थानीय नीति का अध्ययन करेगी। इसमें संभावित बदलाव को लेकर सरकार को अपनी सिफारिश देगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता व सत्ताधारी पार्टी झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन सरकार गठन के बाद यह कह चुके हैं कि 1932 का खतियान राज्य में लागू किया जाएगा। यानी जिनके बाद 1932 या इससे पहले का खतियान होगा वहीं स्थानीय माने जाएंगे।

वर्तमान में रघुवर सरकार द्वारा लागू स्थानीय नीति में कट आफ डेट 1985 है। रघुवर दास सरकार ने इसे 18 अप्रैल 2016 को लागू किया था। इसमें तय कट आफ डेट के अनुरूप तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में प्राथमिकता देने का प्रावधान किया गया था। 

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