13 जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के मामले में झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

झारखंड सरकार अनुसूचित जिलों के 8423 हाइस्कूल शिक्षकों की नौकरी बचाने की कोशिश में सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिनकी नियुक्ति को दो महीने पहले हाइकोर्ट ने अवैध करार दिया था...

Update: 2020-11-22 02:58 GMT

जनज्वार। झारखंड सरकार ने राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। झारखंड हाइकोर्ट में 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त किए गए शिक्षकों की नियुक्ति को गलत बताते हुए रद्द कर दिया था।

झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दायर कर इस संबंध में 21 सितंबर 2020 को दिए गए झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इस संबंध में झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि शीर्ष अदालत में स्पेशल लीव पिटिशन दायर हो गया है और दिसंबर में मामले की सुनवाई की संभावना है।

झारखंड सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि नियोजन नीति सही है और शिक्षकों की नियुक्ति नियम संगत व संवैधानिक है। सरकार ने कहा है कि वे शिक्षक हाइस्कूलों में कार्य कर रहे हैं और उन्हें पद पर बनाये रखा जाए।

मालूम हो कि हाइकोर्ट की लार्जर बेंच ने सोनी कुमार व अन्य बनाम राज्य मामले में फैसला देते हुए 21 सितंबर को 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त किए गए शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया गया था।

हाइकोर्ट ने अनुसूचित जिलों के 8423 शिक्षक पदों पर फिर से नियुक्ति का आदेश दिया था। वहीं, 11 गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति की वैधता को बनाए रखा गया था।

राज्य सरकार के अलावा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एवं माघ्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया गया है। इसमें पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र की सोनी कुमारी, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष, सचिव व परीक्षा नियंत्रक को प्रतिवादी बनाया गया है।

नियोजन नीति के तहत अनुसचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति के पदों को संबंधित जिले के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित किया गया था। दरअसल नियोजन नीति में अनुसूचित जिलों के तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों के लिए जिले के निवासियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। वहीं, 11 गैर अनुसूचित जिलों में बाहर के अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं।

राज्य की पिछली रघुवर दास सरकार ने नियोजन नीति तैयार की थी, जिसके तहत 2016 में झारखंड कर्मचारी चयन अयोग ने 2018 में अनुसूचित जिलों में 8423 पदों एवं गैर अनुसूचित जिलों में 9149 पदों के लिए शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी।

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