झारखंड की हेमंत सरकार ने लिया किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ करने का फैसला

झारखंड सरकार की किसान कर्ज माफी योजना का लाभ राज्य के करीब नौ लाख किसानों को मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार अपने स्तर पर फसल बीमा योजना का संचालन करेगी...

Update: 2020-12-24 02:49 GMT

लोगों की समस्याएं सुनते झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। File Photo.

जनज्वार। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया। राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार है और दोनों बड़ी पार्टियों झामुमो व कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने का वादा पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में लिया था। बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया गया और सारी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से पूरी करने की बात कही गयी, जिसमें अधिकारियों की भूमिका न्यूनतम होगी।

किसानों द्वारा 31 मार्च 2020 तक लिए गए 50 हजार रुपये तक के कर्ज को माफ किया जाएगा। कर्ज माफी योजना का लाभ एक परिवार में एक ही शख्स को मिलेगा और इस मद पर लगभग 2000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।

झारखंड में करीब 12.93 लाख किसानों ने 5800 हजार रुपये का कर्ज लिया है। राज्य में करीब 8.84 लाख किसान ऐसे हैं, जिन्होंने 50 हजार तक का कर्ज लिया हुआ है। शेष ऋण धारक किसानों ने इससे अधिक राशि का कर्ज लिया हुआ है। हालांकि लाभ सभी कर्जधारी किसानों को मिलेगा। झारखंड सरकार ने यह भी तय किया है कि वैसे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा जिनका खाता एनपीए हो चुका है।

राज्य में पौने चार लाख किसानों के खाते एनपीए घोषित किए गए हैं, ऐसे में वे इस योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे। राज्य कैबिनेट ने फसल बीमा योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार इसमें इंश्योरेंस कंपनियों को हिस्सेदार बनाने के बजाय सीधे अपने स्तर पर फसल राहत योजना चलाएगी।

कर्ज माफी के लिए चिह्नित किए गए एनपीए खाते वैसे किसानों के खाते हैं जिन्होंने अपने कर्ज की किस्त का लागातार तीन बार भुगतान नहीं किया है। हालांकि इनके पास यह मौका है कि अगर वे अपने खाते को पुनः स्टैंडर्ड खाते में तब्दील करवा लेते हैं तो वे कर्ज माफी योजना का लाभ पाने के हकदार हो जाएंगे।

किसानों को अपने एनपीए खाते को स्टैंडर्ड खाते में पुनः तब्दील करवाने के लिए लोन की पुरानी किस्त को बैंक में पुनः जमा करना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उनका खाता पुनः स्टैंडर्ड श्रेणी में आ जाएगा, जिससे वे कर्ज माफी योजना का लाभ ले सकेंगे।

झारखंड में किसानों की कर्ज माफी को लेकर पिछले एक साल में समय-समय पर राजनीति भी होती रही। मुख्य विपक्ष भाजपा हेमंत सरकार व सत्ताधारी दल झामुमो व कांग्रेस से समय-समय पर यह सवाल पूछती रही है कि वह किसानों को किए वादे कर्ज माफी को कब पूरा करेगी। ऐसे में अब राज्य सरकार ने अपनी पहली वर्षगांठ के मौके पर इस संबंध में निर्णय लिया है।

Tags:    

Similar News