Jharkhand Vridha Pension Yojana: झारखंड में फर्जीवाड़ा, 28 साल के युवक को मिल रही वृद्धा पेंशन, जानिए कैसे?

Jharkhand Vridha Pension Yojana: झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत गोविंदपुर प्रखंड में बिचौलियों ने तीन-तीन हजार रुपये लेकर वृद्धावस्था पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा किया है, जिसे उदाहरण के तौर पर तिलैया पंचायत के गोरगा गांव निवासी कार्तिक कुमार साव, पिता रामेश्वर महतो जिसकी उम्र 34-35 वर्ष है को उम्र 64 वर्ष दिखा कर पेंशन के लिए आवेदन किया गया है।

Update: 2022-02-19 05:58 GMT

Jharkhand Vridha Pension Yojana: झारखंड में फर्जीवाड़ा, 28 साल के युवक को मिल रहा है वृद्धा पेंशन, जानिए कैसे?

विशद कुमार की रिपोर्ट

Jharkhand Vridha Pension Yojana: झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत गोविंदपुर प्रखंड में बिचौलियों ने तीन-तीन हजार रुपये लेकर वृद्धावस्था पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा किया है, जिसे उदाहरण के तौर पर तिलैया पंचायत के गोरगा गांव निवासी कार्तिक कुमार साव, पिता रामेश्वर महतो जिसकी उम्र 34-35 वर्ष है को उम्र 64 वर्ष दिखा कर पेंशन के लिए आवेदन किया गया है। इसकी स्वीकृति आदेश संख्या जेएचएस 02489137 है। मामला प्रकाश में आने के बाद कार्तिक ने खुद स्वीकार किया है कि उसकी उम्र अभी 34-35 वर्ष है। कार्तिक ने बताया कि उसने एक बिचौलिये को रुपये दिये थे। साथ में आधार कार्ड भी दिया था।

वहीं गोविंदपुर प्रखंड के तिलैया पंचायत के गोरगा गांव निवासी बाबूलाल महतो, पिता रेवा महतो की उम्र 28-29 वर्ष है, लेकिन पेंशन स्वीकृति के लिए आधार कार्ड में इसकी उम्र 63 साल दर्शायी गयी है। पेंशन स्वीकृत भी हो गयी है। स्वीकृति आदेश संख्या जेएचएस 02464222 है। गांव के लोगों के अनुसार बाबूलाल की उम्र लगभग 28-29 वर्ष है।

बता दें कि अधिक से अधिक लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार जैसा कार्यक्रम चलाया। पर इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में भी बिचौलियों ने खेल कर दिया है। धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड में बिचौलियों ने तीन-तीन हजार रुपये लेकर वृद्धावस्था पेंशन योजना में फर्जीवाड़ा किया है। बताना जरूरी होगा कि वृद्धावस्था पेंशन योजना 60 वर्ष या उससे अधिक उम्रवाले लोगों के लिए है, लेकिन बिचौलियों ने फर्जीवाड़ा कर 28 से 40 साल तक के युवाओं को भी इसका लाभुक बना दिया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से प्रति लाभुक को एक हजार रुपये प्रतिमाह दिये जाते हैं।

बिचौलियों द्वारा फर्जीवाड़ा करके एक 28 वर्ष के युवक को 63 वर्ष का वृद्ध बना कर फॉर्म भरा गया। ऐसे एक नहीं, दर्जनों मामले पकड़ में आये हैं। अभी प्रखंड की तिलैया पंचायत में मामला प्रकाश में आया है, जबकि सूत्र बताते हैं कि अगर इसकी ईमानदारी से जांच की जाए तो ऐसे मामले केवल धनबाद में नहीं पूरे झारखंड में उभरकर सामने आएंगे। बता दें कि तिलैया पंचायत में ही 100 से अधिक लोगों ने फर्जी आवेदन किया है। तब पूरे झारखंड की स्थिति का आकलन स्वत: हो जाता है।

बता दें कि वृद्धावस्था पेंशन योजना का आवेदन करते समय आवेदक काे उम्र प्रमाण पत्र समर्पित करना पड़ता है। इसमें प्राथमिकता शैक्षणिक प्रमाण पत्र को दिया जाता है, परंतु जिसका शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं है, उसके विकल्प के रूप में आधार कार्ड को मान्यता दी गयी है।

बिचौलियों ने इसी का सहारा लिया है। जो शिक्षित आवेदक हैं, उनके भी आधार कार्ड को ही बतौर प्रमाण समर्पित किया गया है। इसमें 60 वर्ष से कम उम्रवाले लोगों को भी आधार कार्ड में जन्मतिथि को एडिट कर 60 साल या उससे अधिक दिखा कर आवेदन भरा गया है। कुछ मामले तो ऐसे भी हैं, जिसमें फोन नंबर किसी का, आधार किसी का और नाम किसी और का है।

गोविंदपुर प्रखंड के बीडीओ संतोष कुमार ने बताया है कि प्रखंड में आई गड़बड़ी की सूचना पर कमेटी बनायी गयी है। सभी आवेदनों को होल्ड कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही राशि खाते में भेजी जायेगी। अयोग्य लाभुक का नाम सूची से हटाया जायेगा। प्रखंड के सभी 39 पंचायतों की जांच करायी जायेगी। 

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