झामुमो ने पूछा, मोदी सरकार ने झारखंड के सिर्फ तीन जिलों को ही गरीब कल्याण योजना के लिए क्यों चुना?
भाजपा के आरोपों के बाद आज झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो ने सवाल पूछा कि जब 10 लाख से अधिक श्रमिक राज्य में लौटे हैं तो मात्र तीन जिलों को गरीब कल्याण योजना के लिए चुने जाने से कितनों को लाभ होगा...
जनज्वार, रांची। कोरोना संक्रमण के दौर में पहले झारखंड की राजनीति प्रवासी श्रमिकों के लौटने पर केंद्रित थी और अब उनके नियोजन व रोजी-रोजगार पर केंद्रित होती दिख रही है। झारखंड की मुख्य सत्ताधारी पार्टी झामुमो ने केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा से पूछा कि जब झारखंड में 10 लाख प्रवासी श्रमिक लौटे हैं तो मात्र तीन जिलों को ही आत्मनिर्भर अथवा गरीब कल्याण योजना के लिए क्यों चुना गया।
झामुमो ने ट्विटर पर कहा है कि झारखंड के हर जिले में 50 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक लौटे हैं। झामुमो ने पूछा है कि झारखंड और झारखंडियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी व अन्य श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली मनरेगा जैसी इस योजना को बिहार के खगड़िया से शुरू किया। इस योजना के लिए बिहार के 32, उत्तरप्रदेश के 31, मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22, ओडिशा के चार व झारखंड के तीन जिलों को चुना गया। प्रवासी श्रमिकों की बहुलता वाले दो राज्यों पश्चिम बंगाल एवं छत्तीसगढ के किसी जिले को इसके लिए नहीं चुना गया।
इन्हें झूठ बोलते शर्म भी नहीं आती।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 2, 2020
झारखण्ड में 10 लाख श्रमिक वापस लौटे पर मात्र 3 ज़िलों को आत्म-निर्भर अथवा गरीब कल्याण योजना के लिए चुना गया। जबकि झारखण्ड के हर ज़िले में 50 हज़ार से अधिक प्रवासी श्रमिक लौटे।
झारखण्ड और झारखंडियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यूँ ? https://t.co/bbTH1Ty5m0 pic.twitter.com/UhpcTptuRZ
झामुमो ने गुरुवार को ट्विटर पर कहा है कि जब प्रवासी श्रमिक पैदल सड़क पर चले, पटरी पर, ट्रेन में उनकी मृत्यु हुई तो भाजपा और इसके झारखंडी पत्रवीरों के दिल नहीं पसीजे। जब हेमंत सोरेन ने खुद इनके लिए ट्रेन चलाने की मांग की तो इनका मजाक बनाया गया। और, जब पहली श्रमिक ट्रेन झारखंड आयी तो इसके लिए खुद को ही बधाई दे डाला। झामुमो ने भाजपा को अरबपतियों की पार्टी व उनका भला सोचने वाला बताया।
दरअसल, गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने एक प्रेस वार्ता कर राज्य की झामुमो-कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। दीपक प्रकाश ने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिम्मेवारी से मुंह मोड़ना छोडें और बताएं कि पिछले छह महीने में राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीबों के लिए क्या काम हुआ, अगर हुआ है तो उसे सार्वजनिक करें।
दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का सभी लोग समर्थन कर रहे हैं, लेकिन झारखंड की जन विरोधी सरकार, दृष्टिहीन सरकार कहती है कि चावल दाल से समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रश्न करना सरकार की गरीब विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
दीपक प्रकाश के इस कटाक्ष के बाद झामुमो ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें झूठ बोलने में शर्म नहीं आयी।