झारखंड में जब एक अकेली रेल यात्री के लिए रेलवे को रूट बदलकर चलानी पड़ी राजधानी ट्रेन
लातेहार जिले में जाम में फंसी ट्रेन के दूसरे यात्री रेलवे के प्रस्ताव पर बस से रांची जाने को तैयार हो गए लेकिन लाॅ की एक छात्रा बोली, नहीं ट्रेन तो चलानी ही पड़ेगी...
जनज्वार। यह सुन कर किसी को आश्चर्य हो सकता है कि क्या एक अकेले यात्री के लिए रेलवे को ट्रेन चलाना पड़ सकता है। लेकिन, अगर नियम व शर्ताें के हवाले से कोई शख्स इस बात पर अड़ जाए तो सामने वाले को मानना ही पड़ता है। ऐसा ही एक वाकया झारखंड में घटित हुआ है, जहां पलामू इलाके में ट्रैक जाम में फंसे राजधानी एक्सप्रेस को रूट बदलकर रांची भेजना पड़ा, जबकि दूसरे यात्री बसों से रांची भेजे गए वे इसके लिए तैयार हो गए।
नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस पर सवार अनन्या ने यह जिद पकड़ ली कि उन्हें अगर बस या कार से रांची पहुंचना होता तो वे राजधानी का टिकट ही क्यों लेतीं, अधिकारियों के लाख समझाने पर वे नहीं मानीं और ऐसे में रेलवे को 308 किलोमीटर की जगह 535 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी।
दरअसल, लातेहार जिले के टोली में रेलवे लाइन पर इन दिनों टाना भगतों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। वे वहां अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर डंटे हैं और उनका कहना है कि राज्यपाल के लिखित आश्वासन के बाद ही वे जाम से हटेंगे। इस कारण रेल परिचालन में दिक्कतें आ रही हैं।
अनन्या मुगलसराय से रांची के लिए ट्रेन पर सवार हुई थीं। अनन्या को ट्रेन की बी - 3 कोच की 51 नंबर सीट आवंटित हुआ था। वे बीएचयू में एलएलबी की पढाई करती हैं। टोरी में रेल लाइन जाम होने के कारण गुरुवार को राजधानी एक्सप्रेस डालटनगंज में नौ घंटे खड़ी रही।
ऐसे में रेलवे के अधिकारियों ने बातचीत कर बस से यात्रियों को रांची भेजा जबकि अनन्या इसके लिए तैयार नहीं हुईं। डालटनगंज में जब राजधानी एक्सप्रेस रूकी थी तो उस पर 930 यात्री सवार थे। रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें कार से भेजने का प्रस्ताव दिया, पर वे इसके लिए भी राजी नहीं हुईं और कहा कि बस-कार से जाना होता तो ट्रेन का टिकट क्यों लेती। उनका कहना था कि जाएंगी तो राजधानी एक्सप्रेस से ही जाएंगी।
आखिर में यह फैसला लिया गया कि राजधानी एक्सप्रेस को रूट बदलकर रांची भेजा जाए। ऐसे में उसे डालटनगंज से गया, गोमो, बोकारो के रास्ते रांची भेजा गया। ट्रेन में अकेली यात्री होने के कारण कई महिला आरपीएफ सिपाही उनकी सुरक्षा के लिए तैनात की गईं और ट्रेन देर रात पौने दो बजे रांची स्टेशन पहुंची। अनन्या रांची के एचइसी काॅलोनी की रहने वाली हैं।