DDU News Today: परीक्षा रोकने से कुलपति का इंकार, गुआक्टा ने कहा कोरोनाकाल में शिक्षकों व छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़

DDU News Today: कोरोना के कहर के बीच दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा कराये जाने का शिक्षक संगठन गुआक्टा ने विरोध जताते हुए कहा है कि यह शिक्षकों व छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ है।

Update: 2022-01-21 05:22 GMT

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DDU News Today: कोरोना के कहर के बीच दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा कराये जाने का शिक्षक संगठन गुआक्टा ने विरोध जताते हुए कहा है कि यह शिक्षकों व छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। इस बीच अव्यवस्था के बीच परीक्षा शुरू करने का जहां विरोध हो रहा है वहीं 11 महाविद्यालयों के प्रबंधकों ने परीक्षा केंद्र न बनाये जाने पर नाराजगी जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय की आलोचना की है।

मालूम हो कि कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए शासन ने तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान बंद कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 16 जनवरी को जारी अपने आदेश के तहत सभी जिले के डीएम व एसपी को पत्र लिखकर कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए 23 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसके बाद भी दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के कुुलपति प्रो.राजेश सिंह ने 17 जनवरी से परीक्षा शुरू करने के निर्णय को प्रभावी रखने का निर्देश दिया। पहले दिन मात्र विश्वविद्यालय कैंपस में ही परीक्षा हुई थी। इसके बाद 22 जनवरी से विश्वविद्यालय कैंपस के अलावा संबद्ध 211 कालेजों में परीक्षा शुरू हो रही है।

उधर राज्य के लखनऊ विश्वविद्यालय और राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, फैजाबाद सहित अनेक विश्वविद्यालयों ने अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इसकी मांग यहां के छात्रों व शिक्षकों द्वारा किए जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने निरस्त कर दिया। इन विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा स्थगित करने के पीछे कोरोना के बढ़ते तीसरे लहर को प्रमुख कारण माना गया है वहीं, गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति परीक्षा कराने की हठधर्मिता पर अड़े हैं। 22 जनवरी से विश्वविद्यालय कैंपस के अलावा संबद्ध 211 कालेजों में परीक्षा शुरू हो रही है।

शिक्षकों-विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़

गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. केडी तिवारी और मंत्री डॉक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमेस्टर परीक्षा को शिक्षकों और विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ बताया है। पदाधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अगर परीक्षा के दौरान किसी भी शिक्षक के साथ अनहोनी होती है तो गुआक्टा न सिर्फ आंदोलन करेगा, बल्कि कुलपति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराएगा।

उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने आगामी 23 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थाओं को बंद करने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश का गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन का न मानना उसके मनमानी का ही एक उदाहरण है।

11 महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र न बनाने का सख्त विरोध

गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में 22 जनवरी से शुरू होने वाली सेमेस्टर परीक्षा में केंद्र नहीं बनाए जाने पर 11 महाविद्यालयों ने आपत्ति दर्ज कराई है। वहीं, स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधक महासभा के महामंत्री डॉ. सुधीर राय ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह को पत्र लिखकर 11 महाविद्यालयों को सेमेस्टर परीक्षा में केंद्र बनाने की मांग की है। महामंत्री डॉ. राय ने पत्र में लिखा है कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम सेमेस्टर परीक्षा 2022 के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारित करते समय वार्षिक परीक्षा 2021 में बनाए गए परीक्षा केंद्रों की सूची को ही शामिल किया गया है। विभिन्न महाविद्यालयों में इस सत्र में छात्रों की संख्या अधिक है।

शासनादेश के मुताबिक छात्राओं के लिए स्वकेंद्र प्रणाली लागू रहेगी। लेकिन विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं का केंद्र पांच किमी परिधि के बाहर के महाविद्यालयों में बनाया गया है। यह शासन की मंशा के विपरित है। ऐसे में प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के नजर में शासन के निर्देश का कोई मायने नहीं है। 11 महाविद्यालयों ने अपनी आपत्ति परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में प्रस्तुत की है। आपत्ति पर विचार करते हुए परीक्षा केंद्रों एवं केंद्राध्यक्षों की सूची को संशोधित करने की मांग की है।

इस बार परीक्षा केंद्र न बनाए गए सेंटरों में राम अधार सिंह महाविद्यालय, रजवल, भेउसा, खजनी, गोरखपुर, चन्द्रिका प्रसाद शुक्ला महाविद्यालय, जौरहर, गोरखपुर, श्रीमती ज्ञान कुमारी सिंह महाविद्यालय, बथुओं, पुरवां, गोरखपुर, बाबू विश्राम सिंह महाविद्यालय, रोहारी, सिकरीगंज, गोरखपुर, बहादुर यादव मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भटनी, देवरिया, जयशंकर कलावती देवी महिला महाविद्यालय, सल्लहपुर, भटनी, देवरिया, सीता देवी महिला महाविद्यालय, भटनी, देवरिया,इन्द्रासन शिक्षा संस्थान महाविद्यालय, डेमुसा घाटी, देवरिया ,लाल जी राय डिग्री कालेज, खोरीबारी रामपुर, देवरिया, सारोवदी देवी सत्यनारायण महिला महाविद्यालय, पिपराचन्द्रभान, देवरिया, प्रेमी देवी समाज कल्याण महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पडरौना, कुशीनगर शामिल है। इन महाविद्यालयों के प्रबंधकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूर्व के निर्णय की समीक्षा करने की मांग करते हुए व्यापक छात्रों के हीत में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग की है।

इन सबके बीच हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने अपना सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कोई धरना व प्रदर्शन नहीं है। कुलपति के अत्याचार के खिलाफ हम सत्याग्रह कर रहे हैं। यह सत्याग्रह अब कुलपति के अलावा कुलाधिपति के पीआरओ को भी हटाने तक जारी रहेगा। जिससे की कुलपति के कारनामों की निष्पक्ष जांच कराई जा सके।

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