Agnipath Protest: उत्तराखंड में शुक्रवार को गूंजी अग्निपथ योजना के खिलाफ आवाज, कई शहरों में हुए विरोध-प्रदर्शन

Agnipath Protest: केंद्र सरकार की सेना के तीन अंगों में अग्निपथ योजना लागू करने की योजना के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित कई शहरों में शुक्रवार को विभिन्न संगठनों ने जुलूस निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया।

Update: 2022-06-24 12:15 GMT

Agnipath Protest: केंद्र सरकार की सेना के तीन अंगों में अग्निपथ योजना लागू करने की योजना के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित कई शहरों में शुक्रवार को विभिन्न संगठनों ने जुलूस निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया।

राजधानी देहरादून में तमाम संगठनों से जुड़े लोग गांधी पार्क में एकत्र हुए और घंटाघर, दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, दून अस्पताल से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां से जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमन्त्री को ज्ञापन भेजे गए। इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा है कि मोदी सरकार की ओर से सेना में अग्निपथ योजना युवाओं के साथ मजाक है। कोविडकाल के चलते सेना की भर्तियां पहले रोकी हुई थी । फिर भर्ती शुरू हुई तो कई युवा टेस्ट आदि में पास हो गए। कुछ का मेडिकल हो गया। फिर सेना में चयनित ऐसे युवाओं के साक्षात्कार निरस्त कर दिए गए। अब उन्हें दोबारा से अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करना होगा। जो कि युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। यहां इंद्रेश मैखुरी सहित कई लोग मौजूद रहे।

जनपद रूद्रपुर के कलेक्ट्रेट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान किसान नेताओं व कार्यकर्ताओं ने धरने प्रदर्शन का आयोजन किया।जिलाधिकारी कार्यालय में किसान नेताओं एवं मजदूर नेताओं और सामाजिक संगठनों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अग्निपथ योजना का विरोध किया। प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन, इन्टरार्क मजदूर संगठन, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, जन एकता मंच ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा कि सरकारी नौकरी पाकर अपने मेहनत से जो युवा अपने भविष्य का निर्माण कर लेते थे आज उनको भी अंधे कुएं में झोंकने की कोशिश के तहत अग्निवीर नामक अस्त्र से उन पर हमला किया जा रहा है। केंद्र सरकार अब किसानों के साथ धोखा करने में असफल होकर सेना के जवानों के हौसले पर हमला कर रही है।

किसानों ने अपनी एकता के दम पर जिस तरह केंद्र सरकार के कुचक्र का मुकाबला करते हुए उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है उसी प्रकार नौजवानों को भी अपना रोजगार बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं का आक्रोश नापने का यंत्र है। यदि युवा नहीं जागे तो भविष्य में सभी नौकरियां केवल चार-पांच साल वाली ही होंगी। यदि यह योजना लागू करने में केंद्र सरकार सफल हो गई तो भविष्य में देश से स्थाई नौकरियों का पत्ता साफ होने में कोई समय नहीं लगेगा। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन भी सरकार को भेजा। दलजीत सिंह के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के बाद सभी लोग इन्टरार्क मजदूर संगठन के पंतनगर धरना स्थल पर पहुंचे। जहां पर बैठक के दौरान होने वाली मजदूर किसान महापंचायत के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा, भारतीय किसान यूनियन प्रभारी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड बलजिंदर सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष जीतू सिंह, भारतीय किसान यूनियन से मेजर सिंह, जिला उपाध्यक्ष जसवंत सिंह, वाइस प्रेसिडेंट जगजीत भुल्लर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष उधम सिंह नगर सुखबीर भुल्लर, भारतीय किसान यूनियन जसपुर ,प्रेम सिंह महोरा, दीदार सिंह अमनप्रीत सिंह सुखदीप सिंह, भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा ) बल्ली सिंह चीमा

इंकलाबी मजदूर केंद्र के शहर सचिव दिनेश चंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र के सचिव सुरेंद्र, बंगाली एकता मंच के समाज सेवी सुब्रत कुमार विश्वास, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से पंकज कुमार एवं अन्य संगठन के लोग व पदाधिकारी मौजूद रहे।

लालकुआं में छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेण्ट्स एसोसिएशन (आइसा) ने शहीद स्मारक पर धरना देते हुए सेना में 'अग्निपथ' योजना को वापस लेने की मांग राष्ट्रपति महोदय से ज्ञापन के माध्यम से की। आइसा के संयोजक धीरज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने अचानक से आर्मी के ढांचे, संरचना व भर्ती व्यवस्था में बदलाव करके देश सेवा की चाह रखने वाले नौजवानों के भविष्य व देश की सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है। देश की सबसे प्रतिष्ठित और दूसरे नम्बर पर भर्ती-रोजगार देने वाली सेना की नौकरियों में ठेका प्रथा से युवाओं के देश के प्रति सेवा के जज्बे में कमी आना स्वाभाविक है। भाकपा (माले) जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की सेना में ठेका प्रथा लागू करके देश की सुरक्षा और सैनिकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का बेहद बेशर्मी वाला काम किया है। जिसके खिलाफ पूरे देश में युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। मोदी सरकार, उद्योगपति, मीडिया वाले अग्निपथ योजना के रोज नये-नये फायदे गिनाकर युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं। पहले आर्मी में भर्ती होने पर गाँव वालों की नजर में सम्मान की नजर से देखा जाता था।


अब 4 साल में रिटायर होकर अपमान की नजर से देखा जायेगा क्योंकि वह उन 25 प्रतिशत में शामिल नहीं होंगे जो स्थायी होने का टेस्ट पास कर चुके होंगे। 25 प्रतिशत में जगह पाने की वजह से स्थायी नियुक्तियों मे भ्रष्टाचार की सम्भावनाएं और मजबूत हो जायंगी। पहले ही ''वन रैंक वन पेंशन'' पर सरकार ने धोखा देकर ''नो रैंक नो पेंशन'' कर दिया है। सरकार के पास चुनाव व अपनी योजनाओं का प्रचार करने, काॅरेपोरेट का कर्ज सरकारी कोष से चुकाने के लिए तो खुब पैसा है। लेकिन रोजगार देने के लिए पैसा नही है। इसलिए पूरे देश की ऐतिहासिक धरोहरों, संस्थानों, सरकारी कम्पनियों, सरकारी नौकरियों को ठेके पर बेच देना चाहती है। सरकार ने कोरोना के 2 साल अपने लिए 'आपदा में अवसर' और युवाओं के लिए 'आपदा में विपदा' के रूप में इस्तेमाल किये। पहले तो आर्मी की भर्ती नहीं करायी और करायी भी तो अधूरी। हजारों छात्र लिखित परीक्षा का इंतेजार करते और सैकड़ों छात्र रिजल्ट का इंतजार करते करते मायूस हो चुके थे। और अचानक से सरकार ने अग्निपथ योजना लागू करते ही ऐसे हजारों अभ्यर्थियों के पेट पर लात मार दी है। सरकार ने इस योजना को संसद में बिना बहस कराये ही चुपके से लागू कर दिया। देशभर में उग्र आंदोलन की जिम्मेदार मोदी सरकार व उसकी नयी अग्निपथ योजना ही है। इस योजना के खिलाफ संघर्ष को और ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है। धरने में मनोज जोशी, रवि जग्गी, मोहित सिंह, नीरज कुमार, मनोज सिंह, अनिल, धीरज सिंह, खीम मेहरा, सविता सिंह, विक्की सिंह, कमल जोशी, प्रमोद कुमार, करन, नैन सिंह कोरंगा, ललित मटियाली, विमला रौथाण, लक्की सिंह आदि लोग मौजूद थे।


संयुक्त किसान मोर्चा के केंद्रीय आह्वान पर रामनगर मे भी संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में शुक्रवार को लखनपुर चौक पर अग्निवीर योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन भी भेजा। ललित उप्रेती के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने अग्निपथ योजना को देश व जनता के खिलाफ बताते हुए इसके विरोध में जनता से आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक एक बार चुने जाने पर जीवन भर पेंशन लेते हैं। इतना ही नहीं हर बार चुने जाने पर हर कार्यकाल की उन्हें अलग-अलग कई पेंशन मिलती हैं। वहीं दूसरी ओर देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले अग्निवीर सैनिकों को पेंशन से वंचित रखा गया है। समाजवादी लोक मंच के संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि अग्निवीर योजना के माध्यम से मोदी सरकार सैनिकों में भी भेदभाव कर रही है। अग्निवीरों को पेंशन ग्रेच्युटी तथा रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले इलाज एवं कैंटीन की सुविधा से भी वंचित रखा गया है। दिन रात मेहनत करने के बाद भी वर्ष भर में उन्हें मात्र 30 दिन का ही अवकाश दिया जाएगा।

इन अग्निवीरों में से मात्र 25% युवाओं को ही सेना में नियमित किया जाएगा। शेष 75% को सेवानिवृति दे दी जाएगी। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 10- 11 लाख रुपए सेवा निधि के तौर पर दिए जाएंगे। इन रुपयों से रिटायर युवा अपने लिए दो कमरे का मकान भी नहीं बना सकता रोजगार की तो बात छोड़ दीजिए। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना लाकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। तथा युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना रही है।

इस दौरान सभा को इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रूहेला, महिला एकता मंच की संयोजिका ललिता रावत व पछास के रवि ने भी संबोधित किया। सभा के बाद एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर अग्निपथ योजना को तत्काल रद्द कर सेना में भर्ती होने वाले सभी युवाओं को नियमित व स्थाई रोजगार की गारंटी दिए जाने, सेना में सभी रिक्त पदों को तत्काल भरे जाने व अग्निपथ योजना के विरोध के कारण गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल बिना शर्त रिहा किये जाए व उन पर लगाए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाने की मांग भी की गई। कार्यक्रम में सरस्वती जोशी, कौशल्या, तुलसी छिमवाल, महेश जोशी, आनंद सिंह, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हरप्रीत सिंह हैप्पी, रमनदीप सिंह संधू, लखजीत सिंह, उषा पटवाल, कैसर राणा, अजय बोरा समेत बड़ी संख्या में सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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