2010 में सीबीआई ने अमित शाह को किया था तड़ीपार, अब बने देश के नए गृहमंत्री

Update: 2019-05-31 08:36 GMT

जनज्वार, दिल्ली। समय-समय की बात है, समय होत बलवान। भारतीय राजनीति में इस कहावत के आज सबसे प्रासंगिक होने का दिन है। 2010 में जिस सीबीआई ने अमित शाह को तड़ीपार किया था, गुजरात में घुसने का अधिकार छीन लिया था, उस अमित शाह के आगे अब सीबीआई ही क्या देश की हर ​शीर्षस्थ जांच एजेंसी के बड़े से बड़े शूरमा नमस्तक होंगे।

इसे लोकतंत्र की ताकत कहें या हिंदू मानसिकता वाली राजनीति की माया, पर जो भी सच यही है कि आज से अमित शाह देश के सबसे ताकतवर मंत्री होंगे।

गौरतलब है कि अमित शाह सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी क़ौसर बी के फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपित रह चुके हैं। जज लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में भी शक की सुई अमित शाह की तरफ घूमी। इसके अलावा भी कई अन्य मामलों में वे आरोपी रहे हैं। हालांकि अब उन्हें सारे मामलों में क्लीनचिट मिल चुकी है। 2010 में सीबीआई ने चार्जशीट में अमित शाह पर आरोप लगाया था कि वह गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के साथ वे एक फ़िरौती रैकेट में शामिल थे।

गुजरात के गृहमंत्री रहने के दौरान इसी मामले में अमित शाह को सीबीआई ने 2010 में गिरफ़्तार किया था। बाद में वह सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत लेकर रिहा हुए और ज़मानत मिलने के बावजूद उन्हें गुजरात से तड़ीपार करार दे दिया गया था। लंबे समय तक अमित शाह का गुजरात में घुसने की अनुमति नहीं दी गई थी।

यही नहीं अमित शाह पर 2009 में एक महिला आर्किटेक्ट की गुजरात पुलिस से कथित रूप से अवैध जासूसी करवाने के भी आरोप लग चुके हैं। एक समाचार पोर्टल ने इस मामले में कुछ ऑडियो टेप जारी कर अमित शाह पर गुजरात के आईपीएस अधिकारी रहे जीएल सिंघल को महिला की जासूसी करने के आदेश देने के आरोप लगाए थे। इस मामले में गुजरात सरकार द्वारा एक जांच आयोग का भी गठन किया गया था, मगर बाद में यह सब मामले कब दब गए किसी को कानोंकान खबर भी न हुई।

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