स्वामी अग्निवेश कहते हैं, दिल्ली हमले के मामले में कराई गई है सुरक्षा मुहैया, मगर पाकुड़ हमले के बाद 8 लोगों की नामजद रिपोर्ट उसी दिन लिखाई गई थी, जिन पर आज तक नहीं की गई है कोई कार्रवाई...
दिल्ली, जनज्वार। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि ख्यात सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को 48 घण्टे के अंदर सुरक्षा मुहैया कराई जाए। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी जारी किया है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष 17 जुलाई को स्वामी अग्निवेश को झारखंड के पाकुड़ में आयोजित पहाड़िया महासम्मेलन में हिस्सेदारी के दौरान भाजपाई गुंडों ने अपना निशाना बनाया था। भाजपा की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भारतीय जनता युवा मोर्चा के गुंडे स्वामी अग्निवेश के पाकुड़ दौरे का विरोध कर रहे थे। विरोधस्वरूप उन्हें काले झंडे दिखाते हुए उनके साथ मारपीट की और उन्हें मरणासन्न होने तक पीटा। बमुश्किल उनकी जान बच पाई थी।
पाकुड़ लिंचिंग के ठीक एक महीने बाद 17 अगस्त को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे स्वामी अग्निवेश को दोबारा भाजपाई गुंडों ने अपना निशाना बनाया था। यहां भाजपाई आततायी स्वामी अग्निवेश को गद्दार कहकर अपमानित भी कर रहे थे।
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इन दोनों घटनाओं के बाद स्वामी अग्निवेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उनकी जान को खतरा है। यही नहीं उन्होंने बीजेपी मुख्यालय के बाहर हुई उनकी पिटाई के मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की थी।
हालांकि तब 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापिस लेने को कहते हुए निर्देशित किया कि इसके लिए पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाए, जिसके बाद स्वामी अग्निवेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुरक्षा मुहैया कराए जाने के सवाल पर स्वामी अग्निवेश कहते हैं, मैं हाईकोर्ट का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने इसको गंभीरता से लिया है। ये एक्शन कोर्ट ने दिल्ली वाले मामले में लिया है। मुझ पर इसी साल 17 अगस्त को दिल्ली भाजपा मुख्यालय के सामने तब हमला किया गया था, जब मैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने गया था। सवाल है कि जहां मुझ पर हमला हुआ वह हाई सिक्योरिटी जोन है, अटल जी का शव भाजपा मुख्यालय के अंदर रखा हुआ था। देश—विदेश के बड़े-बड़े लोग उनके अंतिम दर्शन को आ रहे थे। ठीक मुख्यालय के सामने मुझ पर अटैक करते हुए लगभग 1 किलोमीटर तक मुझे खदेड़ा गया, मगर एक भी सिक्योरिटी वाला मुझे बचाने—छुड़ाने नहीं आया।'
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स्वामी अग्निवेश आगे कहते हैं, मुझ पर हमला करने वाले भाजपाई ही थे, मगर सिक्योरिटी की भी कुछ जिम्मेदारी होती है, श्रद्धांजलि सभा में गद्दार कहते हुए मेरी लिंचिंग की कोशिश की गई। ठीक इसके एक महीने पहले 17 जुलाई को पाकुड़ में भाजपाई गुंडों ने मुझ पर हमला किया था, तब भी मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं थी। पाकुड़ हमले के बाद 8 लोगों की नामजद रिपोर्ट उसी दिन लिखाई गई थी, जिन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही किसी की गिरफ्तारी।'
स्वामी अग्निवेश कहते हैं, 'दिल्ली भाजपा मुख्यालय के सामने मुझ पर हमला करने वाले आरएसएस—बीजेपी के लोगों पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि मीडिया में जो फुटेज आई हैं उसमें हमलावर साफ नजर आ रहे हैं।'
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वो सवाल उठाते हैं कि 'कार्रवाई तो छोड़िए बड़ी बात यह है कि अटल जी की श्रद्धांजलि सभा में इतनी बड़ी सिक्योरिटी होने के बाद कोई मुझे बचाने क्यों नहीं आया, क्या ऐसा सरकारी आदेश पर किया गया? जबकि केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मेरी बात हुई थी, उन्होंने कहा था आप इत्मीनान से आइए मैं अंदर हूं, जिसके बाद मैं अटल जी के दर्शन के लिए जा रहा था, मगर उससे पहले ही गद्दार के नारे लगे और मुझ पर हमला किया गया। ताज्जुब की बात तो यह कि मुझ पर भाजपा मुख्यालय के सामने हुए हमले पर किसी भी भाजपा नेता ने बयान देकर इसकी निंदा नहीं की।'
अब भी स्वामी अग्निवेश को जो सुरक्षा मुहैया कराई गई है उसमें एफआईआर दर्ज होने के बावजूद दिल्ली पुलिस का कोई रोल नहीं है, बल्कि कोर्ट के आदेश पर वह सुरक्षा देने को बाध्य होगी। इससे साफ जाहिर है कि जिनकी सत्ता है उनके इशारे पर ही यह सब हो रहा है। बड़ी बात यह कि भाजपा लिंचिंग करने वालों का पूरा बचाव भी कर रही है।