आज जिसने भी मेट्रो के गेट से एग्जिट किया उसको लगा 'झटका'

Update: 2017-10-10 14:32 GMT
आज जिसने भी मेट्रो के गेट से एग्जिट किया उसको लगा झटका
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मेट्रो स्टेशन से निकलने वाले हर शख्स की निगाहें एग्जिट गेट की स्क्रीन पर थीं कि कितना कटेगा आज 

जनज्वार संवाददाता की मेट्रो स्टेशन से लाइव रिपोर्ट

दिल्ली। आज दिल्ली मेट्रो से यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को जोर का झटका लगा। क्योंकि आज से दिल्ली मेट्रो रेल सेवा ने अपने किराये में बेतहाशा वृद्धि कर दी है।

जो लोग मेट्रो का टोकन लेने के लिए लाइन में लगे थे जब उनसे रोज जंहा जाने के लिए करीब 20 रुपए लगते थे अब 30 रुपए का टोकन मिला। लोगो के एकदम से झटका लगा। इसके बाद उन लोगो को झटका लगने की बारी थी जी मेट्रो कार्ड लेकर यात्रा करते हैं।

आज मेट्रो में यात्रा करते हुए हमारे संवाददाता ने पाया हर किसी के पास एक ही विषय था बात करने का वो था मेट्रो का किराया क्यों इतना आधी बढ़ा दिया गया है। जबकि अभी कुछ महीने पहले मई में तो मेट्रो का किराया बढ़ा था।

खैर जिसका भी गंतव्य स्टेशन आ रहा था वो मेट्रो से निकल कर स्टेशन के एग्जिट गेट पर जा रहा था। सबसे ज्यादा मेट्रो कार्ड लेकर यात्रा करने वाले किसी को झटका लगने वाला था तो वो मेट्रो का एग्जिट गेट पर लगी छोटी छोटी स्क्रीन थी जो ये बताती है कि आपके कार्ड से आपकी यात्रा के कितने पैसे कटे और कितने बैलेंस रह गया।

मेट्रो से यात्रा करने वाले लोगो का बढ़े हुए किराये का दर्द समझने के लिये हमारे संवाददाता ने निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन से लेकर मंडी हाउस मेटो स्टेशन तक यात्रा की। कल तक इतनी दूरी के लिए मेट्रो कार्ड से 18 रूपए लगते थे और टोकन से 20 रुपए। लेकिन आज इतनी ही दूरी के लिए मेट्रो ने कार्ड से 27 और टोकन से 30 रूपए वसूल किये।

ये तो मेट्रो की कहानी रही। दूसरी कहानी जो लोगो को बेवकूफ बनाने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच चल रही है। दिल्ली सरकार लाखो रुपए खर्च करके दिल्ली विधानसभा का सत्र आयोजित करती है और किराया न बढ़ाये जाने का प्रस्ताव पास कर देती है लेकिन मेट्रो का किराया फिर भी बढ़ता है। इसका मतलब क्या दिल्ली सरकार को पता नही था उनके प्रस्ताव पास करने के बाद भी किराया बढ़ाया जाएगा। फिर ऐसे सत्र लगा कर लाखो रुपए की बर्बादी क्यों की।

केंद्र सरकार भी दिल्ली वालों पर रहम नही कर रही है। दिल्ली के सीएम ने केंद्र के शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी क़यो भी पत्र लिखा कि आधा मेट्रो का बोझ आप उठाओ आधा हम उठाते हैं।

लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के इस ऑफ़र को रिजेक्ट कर दिया। अब दिल्ली की जनता फिर से बसों से यात्रा करने के लिए मजबूर होगी। और हमारी दिल्ली की डीटीसी की बस सर्विस से सब वाकिफ है। दो दलो की राज्य और केंद्र सरकारों के बीच फंसी दिल्ली की जनता पता नही कब तक पिसेगी।

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