JNU : फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलनरत छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने किया लाठीचार्ज, राष्ट्रपति से करने जा रहे थे मुलाकात

Update: 2019-12-09 13:40 GMT

मयंक की मौत के खिलाफ प्रदर्शन आज।

राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करते हुए बढ़ रहे छात्र मांग कर रहे थे कि उन्हें राष्ट्रपति से मिलने दिया जाए, लाठीचार्ज से गुस्साये छात्र रिंग रोड पर बैठ गए....

जनज्वार। यूनिवर्सिटीज में छात्रों की आवाज दबाने के लिए जगह-जगह से पुलिसिया दमन की खबरें आम हो चुकी हैं। जेएनयू, उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड समेत तमाम विश्वविद्यालयों के खिलाफ विवि प्रशासन द्वारा बढायी गयी फीस के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

जेएनयू के छात्र तो पिछले लंबे समय से फीस वृद्धि के खिलाफ मैदान में हैं। आज 9 दिसंबर को आंदोलनरत छात्रों पर उस समय पुलिस ने लाठीचार्ज किया जब वे राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर रहे थे। JNU के ये छात्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के इरादे से राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रहे थे कि ​तभी पुलिस ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन कर रहे इन छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया।

पुलिस ने दिल्ली के सरोजनी नगर इलाके के पास पहले तो आंदोलनरत छात्रों को रोकने की कोशिश की, मगर कुछ ही देर में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तो पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। गौरतलब है राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करते हुए बढ़ रहे छात्र मांग कर रहे थे कि उन्हें राष्ट्रपति से मिलने दिया जाए। लाठीचार्ज से गुस्साये छात्र रिंग रोड पर बैठ गए। सड़कों पर भारी संख्या में छात्रों के उतरने के चलते जाम की समस्या भी खड़ी हो गयी।

जेएनयू छात्रों पर किये गये पुलिसिया लाठीचार्ज की सोशल मीडिया पर काफी निंदा हो रही है। लाठीचार्ज और छात्रों को मारने—पीटने के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। JNUSU ट्वीटर हैंडल से मारपीट का एक वीडियो डालते हुए ट्वीट किया गया है, 'हमले का दूसरा दौर, पुलिस का क्रूर बल प्रयोग। लाठीचार्ज करने और एक मील तक आंदोलनरत छात्रों का पीछा करने के बाद खून बहते हुए हालत में छोड़ दिया गया। हम दिल्ली पुलिस द्वारा किये गये घृणित और जघन्य कांड की निंदा करते हैं।'

गोपाल गोसी रावत ने ट्वीट किया है, 'माफ करें, यह दिल्ली पुलिस नहीं है, यह केंद्र सरकार की पुलिस है। जिस तरह सरकार उच्च शिक्षा का मैनेजमेंट कर रही है, उसी के इसारे पर केंद्र सरकार की पुलिस यह खेल खेल रही है।

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