जनज्वार को सैनिकों ने भेजी हैं तस्वीरें, आप खुद अपनी आंख खोलकर देख लीजिए कि सेना के नाम पर सांप्रदायिकता का ढोल पीटने वाली सरकार की असलियत क्या है, कैसे जानवरों से भी बुरी हालत में सैनिकों को भेजा गया ट्रेन में ठूंस-ठूंसकर...
जनज्वार। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार के दौरान जगह-जगह सैनिकों के नाम पर वोट मांग रहे हैं, सेना के नाम पर खूब सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है, मगर उनके साथ कैसा भेड़-बकरियों जैसा व्यवहार किया जाता है यह दिखाने के लिए खबर के साथ दी जा रही तस्वीरें काफी हैं।
यह तस्वीरें जम्मू कश्मीर से पश्चिम बंगाल के दौरान ट्रेन संख्या 00696 में की गई यात्रा की हैं। यह स्पेशल ट्रेन थी, जिसमें उनको स्लीपर क्लास की भी सीटें उपलब्ध नहीं कराई गईं।
3 दिन में यह स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल पहुंची। 3 दिन तक यानी 19 अप्रैल से 21 अप्रैल तक भेड़-बकरियों की तरह जनरल डिब्बे में ठूंसे गए सैनिकों ने यात्रा कैसे की होगी, इसकी हम-आप सिर्फ कल्पना कर सकते हैं। सैनिक इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, शायद उन्हें डर है कि अगर उन्होंने अपना मुंह मीडिया के सामने खोला तो उनका भी हश्र बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की तरह न कर दिया जाये। गौरतलब है कि तेजबहादुर ने अपने वीडियो के जरिए पूरे देश को ये बताया था कि अर्द्धसैनिक बलों को कितना घटिया खाना दिया जाता है। इसके बाद ही तरह तरह से तेजबहादुर यादव को प्रताड़ित करके उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
पुलवामा के बाद मोदी जहां—जहां भी गए उन्होंने सैनिकों के नाम पर वोट देने की अपील की, मगर जम्मू कश्मीर से पश्चिम बंगाल इलेक्शन ड्यूटी के लिए इस भयानक गर्मी में सैनिकों को ट्रेन की जनरल बोगी में ऐसे-ऐसे ठूंस-ठूंसकर ट्रेनों में भेजा गया मानो वो इंसान ही न हों। सांप्रदायिकता की हद तक सैनिकों की मौत को भुनाने वाली मोदी सरकार को क्या सैनिकों को यह दुर्दशा नहीं दिखाई दी कि जम्मू कश्मीर से पश्चिम बंगाल की यात्रा सैनिक इन हालातों में कैसे करेंगे।
ये तस्वीरें तो सिर्फ एक डेमो हैं, हर जगह सैनिकों की यही हालत है। पुलवामा में ही अगर सैनिकों को हवाई जहाज से भेज दिया जाता तो शायद हमारे 46 जवान आतंकी हमले की भेंट न चढ़े होते। मगर मोदी सरकार अपनी इन नाकामियों को स्वीकारने और सैनिकों को सुविधायें मुहैया कराने के बजाय सिर्फ उनके नाम पर राजनीति करना जानती है।
यह तस्वीरें ट्रेन की जनरल बोगी की हैं। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जहां खुद अपनी हवाई और विदेश यात्राओं के लिए अच्छा खासा बजट खर्च करते हैं, वहीं सवाल है कि जिनके नाम पर वह वोट की पॉलिटिक्स कर रहे हैं, कम से कम उन्हें न्यूनतम सुविधाएं तो उपलब्ध करवाते।
जनज्वार के पास आई ये तस्वीरें मोदी के भारत में सैनिकों की असलियत बयां करने के लिए काफी हैं।
इस घटना पर इंडिया टीवी के सीनियर प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट मनीष झा ट्वीट करते हैं, 'जम्मू कश्मीर से @BSF_India और @ITBP_official के लोगों को चुनाव के लिए बंगाल भेजे जाने के दौरान स्पेशल ट्रेन में उन सबको ठूंस ठूंसकर भेजा गया। कम से कम उन्हें स्लीपर जैसी सुविधाएं तो दी जाएं।'