गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आवेदन की अंतिम तारीख 27 जून

Update: 2018-06-10 15:39 GMT

निम्न मध्यमवर्गीय, पिछड़े एवं गरीब परिवारों से आने वाले प्रतिभाशाली छात्रों के लिए गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय से बेहतर नहीं कुछ, उनके उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा एवं बेहतर रोजगार संभावनाओं के लिए नए द्वार खोलने का काम करेगा...

जनज्वार, गांधीनगर। गुजरात की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने सत्र 2018-19 के लिए होने वाले प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन फार्म आ चुके हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख आगामी 27 जून, 2018 तक तय की गयी है। इस दिन तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर सीधे आवेदन कर सकते हैं।

छात्रों के पास आपके बिल्कुल सीमित समय है, बिना किसी तरह की देरी किये सीधे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आगामी 15 जुलाई को होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अगर इस प्रवेश परीक्षा के लिए छात्र क्वालीफाई करते हैं तो देश के उच्च शिक्षा की श्रेणी में आने वाली गुजरात की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो सकता है।

एक्सपर्ट की राय मानें तो सबसे पहले किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले उस संस्थान/विश्वविद्यालय/कॉलेज के बारें में पूरी तरह से जानकारी होना बेहद ज़रूरी है, ज़िसमें से कुछ अहम सवाल जैसे कि शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार के अवसर एवं अन्य विभिन्न प्रकार की ज़रूरी सुविधायें, जोकि उस संस्थान को एक अलग पहचान देती है.

तो आइये जानते हैं गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय (CUG ) के बारे में!

यह गुजरात का एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां पूरे देश से छात्र-छात्राय़ें लगभग समान अनुपात सभी राज्यों से शिक्षा प्राप्त करने लिए हर वर्ष आते हैं। केरल से लेकर कश्मीर तक और कच्छ से लेकर आसाम व मणिपुर तक के छात्र-छात्रायें का यहाँ जमावड़ा है या यों कहें एक मिनी हिंदुस्तान है।

यह विश्वविद्यालय विभिन्न संस्कृतियों, भाषा, बोली, खान-पान का बेहतरीन संगम है! इसके अलावा यहां आधा दर्जन से अधिक दूसरे देशों की छात्र-छात्रायें यहाँ उच्च शिक्षा हासिल करने आते हैं ज़िसमें श्रीलंका,अफगानिस्तान, तिब्बत, बांग्लादेश और अफ्रीका महादीप के कई देशों के छात्र-छात्राय़ें शामिल हैं। यहां सबको एक समान, सस्ती गुणवत्तापरक एवं सर्व सुविधायुक्त शिक्षा का अवसर प्राप्त होता है.

कौन-कौन से कोर्सेज हैं शामिल

इस विश्वविद्यालय की स्थापना सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत 2009 में हुई, जोकि उच्च शिक्षा में शोध खासतौर पर इंटर डिसपीलिनरी कोर्सेज के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसमें छात्र MPhil./PhD. रिसर्च करने के लिए सोशल साइंस, लैंग्वेज, लाइफ साइंस, नैनो साइंस, केमिकल साइंस, लाइब्रेरी एंड इनफार्मेसन साइंस और अन्य कई विषयों से आप यहां उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. यहाँ इन्ही विषयों में मास्टर डिग्री भी हासिल कर सकते हैं. यहाँ बैचलर डिग्री में सीमित कोर्स हैं, जैसे कि ज़र्मंन और चाइनीज भाषा और वोकेशनल स्टड़ीज!

कितनी लगती है फीस

यहाँ कि फीस की अगर बात करें तो वह गुजरात के किसी भी सरकारी एवं निजी संस्थान/विश्वविद्यालयों के कई गुना कम फीस है। यहां आप एक सेमेस्टर की फीस मात्र 1000 रुपये से लेकर अधिकतम 3000 रुपये तक देना होगा। निम्न मध्यमवर्गीय, पिछड़े एवं गरीब परिवारों से आने वाले प्रतिभाशाली छात्रों के लिए यह संस्थान मुफीद है जो उनके उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा एवं बेहतर रोजगार संभावनाओं के लिए नए द्वार खोलने का काम करेगा!

शिक्षा की गुणवत्ता एवं शैक्षणिक पद्धति

यहाँ नए तरह के कोर्सेज के साथ ही नए तरह की शैक्षणिक पद्धति के साथ शिक्षा प्रदान की जाती है जहां उदारवादी एवं लोकतांत्रिक तरीके से यों कहें कि वाद-विवाद एवं संवाद का माध्यम ही यहाँ की शिक्षण पद्धति की आत्मा है। यहाँ के शिक्षकों ने देश-विदेश के जाने-माने उच्च संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है। उनके अनुभव एवं नॉलेज से, यहाँ के छात्रों को अपने जीवन के हर पहलू के बारे में काफी कुछ सीखने मौका मिलता है।

यहाँ के ऊर्जावान शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के छात्रों के बहुमुखी प्रतिभा के विकास में उनका लगातार सराहनीय योगदान जारी है।

रोजगार के अवसर

पिछले नौ सालों के सफर में जितने भी छात्र-छात्रायें ने यहाँ से डिग्री लेकर बाहर निकले, लगभग सभी छात्र-छात्राओं को रोजगार का शानदार अवसर प्राप्त हुआ है ज़िसमें विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों Google, Amazon, TCS Wipro भी शामिल हैं। यहाँ से रिसर्च करके निकलने वाले स्टूड़ेंटस देश के विभिन्न मंत्रालयों की रिसर्च टीम में और देश के जाने-माने सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में असिसटेंट प्रोफसर, रिसर्च एवं एकेडमिक ऐसोसिएट्स के तौर पर कार्यरत है। इसके अलावा गैर सरकारी संस्थाओं में भी यहां के छात्रों ने अपनी धाक ज़माये हुए हैं।

विश्वस्तरीय शोध कार्य

यहाँ के छात्रों ने दुनिया के लगभग सभी प्रतिष्ठित जनरल्स में रिसर्च पेपर पब्लिश किया है, जो शोध जगत में अपने प्रभावशाली इम्पैक्ट फैक्टर के लिए जाने ज़ाते हैं। यहाँ के रिसर्च स्कालर अपने रिसर्च कार्य को देश के ही नहीं बल्कि आये दिन अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन के जाने-माने विश्वाविद्यालयों में कान्फेरेन्स और सेमिनार में प्रस्तुत करते हैं।

यहाँ के अधिकतर छात्र देश के बदलते सामाजिक एवं राजनीतिक हालात में सार्थक चर्चा एवं विमर्श करने में विशेष रुचि रखते हैं तथा कई छात्र देश के सामाजिक एवं राजनीतिक आन्दोलनों में अभी से सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। कैम्पस में वैचारिक छात्र राजनीति की एक स्थापित संस्कृति बन चुकी है जो लगातार सत्ता-व्यवस्था एवं समाज में फैली बुराइयों को चुनौती देने का काम कर रही है।

मगर इन सबके बीच एक बड़ा दुर्भाग्य यह है कि गुजरात केन्द्रीय विश्वाविद्यालय के पास अपना परमानेंट कैम्पस नहीं है ज़िससे छात्रों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। अपना कैम्पस न होने की कई वजहें हैं जिसके लिए मुख्य रूप से राज्य और केन्द्र में सत्तासीन भाजपा/आरएसएस ने पूरी तरह से ज़िम्मेदार है।

इसकी खास वजह ये है कि जब से गांधीनगर शहर गुजरात की एक शैक्षिक राजधानी बनकर उभरी है, तब से यहां बड़े उद्योगपतियों और नेताओं के प्राइवेट कालेज एवं संस्थान लगातार मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं और अगर इस विश्वविद्यालय का अपना परमानेंट कैम्पस मिल जाता है तो इनका अनैतिक कमाई का धंधा डाउन पड़ जायेगा और समाज के सभी वर्गों को सस्ती उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल जायेगा।

दूसरी वजह है केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में वैचारिक राजनीति के धरातल पर सत्तारुढ़ BJP/RSS की अपनी शून्यता की वजह लगातार उच्च शिक्षा को खत्म करने में लगी हुई है।

तीसरी वजह है हमारे समाज का मलाईदार तबका कभी नहीं चाहता कि शोषित, पीड़ित एवं वंचित वर्ग के लोग उच्च शिक्षण संस्थानों में आकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें।

इन हालातों के बावजूद अगर आप समाज और देश की सत्ता-व्यस्था को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं और व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास के साथ एक बेहतर इंसान बनने की चाहत रखते हैं तो आपके लिए गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय से बेहतर कोई दूसरा संस्थान नहीं हो सकता।

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