बिहार में मक्के की फसल 50 फीसदी बेकार

Update: 2018-04-23 20:13 GMT

सैकड़ों किसानों ने किसान सभा में एकजुट हुए सुनाया अपना दर्द, कहा सरकार दे पीड़ितों को मुआवजा

कुर्साकाटा, बिहार। आंधी—पानी, मौसम की मार सबसे अधिक किसी पर पड़ती है तो वह है किसान। इस बार भी बिहार के मक्का किसानों को मौसम के कारण 50 फीसदी मक्के की बर्बादी सहनी पड़ी है।

किसान कहते हैं हमारी फसल खेतों में लहलहा रही है, मगर ज्यादातर मकई के पौंधों में दाने नहीं आए हैं। यह तो एक बात है, दूसरी बात जिन खेतों में मक्के में दाना आया भी था वह कुछ समय पहले आए आंधी—तूफान में तबाह हो गई है।

यह बात किसानों ने किसान सभा के दौरान कही। बिहार के कुर्साकाटा में जना जागरण शक्ति संगठन के बैनर तले इकट्ठा हुए सैकड़ों किसानों ने अपनी बर्बादी की कहानी बयां की।कुर्साकाटा’ प्रखंड के सैंकड़ों किसान मकई की खेती की बर्बादी पर चर्चा करने कपद्फोड़ा’ सामुदायिक भवन में जमा हुए। 

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में भी बाढ़ के चलते फसलें बर्बाद हो गई थीं। धान और पटुआ सड़कर बारिश में बह गया, मगर शासन—प्रशासन की बेरुखी देखिए कि ज्यादातर किसानों को अब तक उसका मुआवजा तक नहीं मिल पाया है।

साल—दर—साल बर्बाद होती फसलों के चलते किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। लगातार परेशान, हताश और कर्ज के बोझ तले दबा किसान अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि आखिर वह किसका दरवाजा खटखटाएं। सरकार को उनके हितों और दुखों से कोई वास्ता ही नहीं है। नेता सिर्फ चुनावों के वक्त वादा करके भूल जाते हैं। फसल बर्बाद होने के चलते किसान परेशान, नाराज और हताश हैं।

किसान सभा में पचास से भी अधिक किसानों ने अपनी तकलीफें साझा कीं। क्षेत्र की 50 फीसदी से भी अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान सभा में किसानों ने मांग रखी कि हमारी तकलीफों को कृषि पदाधिकारी के सामने रखा जाये। मांग पूर्ति नहीं होने पर किसान एक बड़ा आन्दोलन खड़ा करेंगे।



प्रखंड कृषि पदाधिकारी कुर्साकाटा प्रखंड में मकई की क्षति का ठीक से आकलन करे और एक महीने के अन्दर रिपोर्ट जारी करे। फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा किसानों को जल्द से जल्द दिया जाए, क्योंकि सालों का मुआवजा अभी तक पीड़ितों को नहीं मिल पाया है।

बाढ़ के दौरान फसलें गंवा चुके किसानों में से अधिकतर को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। जिनको मुआवजा मिला भी है, वह भी नाममात्र का। पूरे अररिया जनपद में मात्र 26 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया।

पीड़ितों ने मांग की जिन किसान भाइयों ने किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिया है, उन्हें बीमा का क्लेम मिले और उनका ऋण माफ़ हो।

किसान सभा का संचालन आशीष रंजन ने किया और अध्यक्षता कृष्ण कुमार सिंह ने की। सभा में जन जागरण शक्ति संगठन की कामायनी स्वामी और उज्जवल कुमार ने भी अपनी बातें रखीं और किसानों के मुद्दे को आगे तक ले जाने का आश्वासन रखा।

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