तबरेज़ के बाद झारखंड में राजू अंसारी की मॉब लिंचिंग, बिना कपड़ों के पीड़ित को ले गई पुलिस

Update: 2020-04-21 14:11 GMT

रविवार रात 8:00 बजे राजू अपने ससुराल से वापस घर जा रहा था। इस दौरान रास्ते में कुछ असामाजिक तत्वों ने उसे रोककर उसका नाम पूछा। मुस्लिम नाम होने के चलते लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया...

जनज्वार। झारखंड में एक बार फिर से मॉब लिंचिंग का एक मामला सामने आया है। जहां हजारीबाग के गिद्दी में राजू अंसारी नाम के एक शख्स को चोरी के शक में पीटा गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रविवार रात 8:00 बजे राजू अपने ससुराल से वापस घर जा रहा था। इस दौरान रास्ते में कुछ असामाजिक तत्वों ने उसे रोककर उसका नाम पूछा। मुस्लिम नाम होने के चलते लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। पीड़ित युवक पतरातु जयनगर रामगढ़ का रहने वाला है। फ़िलहाल उसका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में चल रहा है।

क्विंट हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, राजू के सिर और पूरे शरीर पर पिटाई के निशान हैं। प्राइवेट पार्ट्स और सिर में ज्यादा चोट लगी है। थाने से ही राजू के परिवार को घटना की खबर मिली।

गली सुबह यानी रविवार को अली जान राजू को घर लेकर आए। पुलिस ने घायल राजू का इलाज कराने के बजाय उसे घरवालों को सौंप दिया। सवाल ये भी है कि लॉकडाउन में 10-12 लोग एक साथ कैसे जमा थे और क्यों इस बात के लिए भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। आला अफसरों को वारदात की जानकारी हुई, उसके बाद पुलिस राजू के घर आई उसे रांची स्थित RIMS अस्पताल ले गई।

राजू के भाई शमशेर अंसारी का कहना है कि बड़ा बाबू आए थे। वही लोग राजू को रांची के रिम्स में ले गए। फिलहाल वो वहीं है। एसपी साहब ने राजू से फोन पर बात की थी। उन्होंने पूछा कि कहां चोट लगी है. मेरे भाई ने कहा- सर कहां-कहां बताऊं, कहां चोट लगी है।

जारीबाग के एसपी मयूर पटेल कन्हैया लाल ने क्विंट से बातचीत में बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

हालांकि एसपी ने इसे मॉब लिंचिंग का केस मानने से इनकार किया क्योंकि किसी की मौत नहीं हुई। परंतु जहां राजू का घर है, वहां के थाना प्रभारी आदिल हुसैन ने क्विंट को बताया कि राजू का कोई आपराधिक बैकग्राउंड नहीं है। राजू ईंट भट्ठा पर मजदूरी करता है।

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